मानसिक समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति को कभी न कहें ये बातें, पड़ता है नकारात्मक प्रभाव
क्या है खबर?
खराब जीवनशैली, काम के भार और आर्थिक असुरक्षा आदि कई कारण से आजकल कई लोग तनाव, एंग्जायटी और बॉर्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर जैसी कई मानसिक समस्याओं का शिकार हो रहे हैं।
अगर आपके करीब मानसिक रूप से अस्वस्थ लोग हैं तो उनसे बातचीत करते समय सावधान रहें क्योंकि जरा से गलत शब्द उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आइए आज कुछ ऐसी बातों के बारे में जानते हैं, जो मरीजों की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं।
#1
भूल से भी न कहें पागल या बेवकूफ जैसे शब्द
कई लोग मानसिक समस्या से ग्रस्त रोगी के बारे में बात करते हुए पागल या फिर बेवकूफ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगते हैं, लेकिन आप अनजाने में भी ऐसा न करें।
दरअसल, ये शब्द अगर आप रोगी के सामने बोलते हैं तो इनसे उन्हें काफी ठेस पहुंचती है, जिस वजह से उनकी समस्या बढ़ सकती है।
हमारे समाज में लोग मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति को ऐसे शब्दों से चिढ़ाया भी जाता है, जबकि ऐसा बिलकुल भी होना चाहिए।
#2
रोगी को बिल्कुल भी न कहें- ये सब सिर्फ तुम्हारे में है
अगर कोई मानसिक समस्या से ग्रस्त होता है तो कई लोग उसे समझाने के लिए आगे आते हैं।
हालांकि, इस दौरान मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति को समझाते हुए या साहस बढ़ाते हुए उसे यह बात नहीं कहनी चाहिए कि 'यह सब तुम्हारे दिमाग में है और ऐसा कुछ है'।
ऐसा कहने से आप उसे सीधे तौर पर इन कारणों के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मानसिक समस्याएं काल्पनिक नहीं होती हैं, इसलिए किसी को भी ऐसा कुछ न कहें।
#3
आत्महत्या जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से बचें
अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर मानसिक समस्या से ग्रस्त है तो उससे बातचीत करते समय आत्महत्या या फिर मौत जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी न करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति के दिमाग में ऐसे ख्याल आ सकते हैं कि उसका जीना बेकार है या फिर वह कभी भी सामान्य नहीं हो सकता, इसलिए उसके लिए खुद को खत्म कर लेना ही बेहतर है।
ऐसे व्यक्ति को मौत जैसी खबरों से भी दूर रखें।
#4
इन चीजों से बाहर निकलो या फिर सकारात्मक रहो जैसी बातें भी न करें
अगर कोई व्यक्ति किसी मानसिक समस्या से ग्रस्त है तो उसे यह भी कहना गलत है कि इन चीजों से बाहर निकलो या फिर सकारात्मक रहो।
दरअसल, ऐसा कहने से रोगी को लगेगा कि वह जानबूझकर उस स्थिति में आया है। वहीं, मानसिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति के लिए यह इतना आसान नहीं होता है।
इसलिए हमेशा उसका ख्याल रखें और चिकित्सक की सलाह के अनुसार उसकी दवा-पानी और थेरेपी आदि का ध्यान रखें।