2021 में 13,000 से ज्यादा छात्रों ने की आत्महत्या, महाराष्ट्र सबसे आगे- NCRB रिपोर्ट
क्या है खबर?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में भारत में 13,000 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की थी।
NCRB की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच सालों में यानी 2016 से 2021 के बीच भारत में छात्र आत्महत्याओं की संख्या में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
2021 में आत्महत्या से मरने वाले 13,089 छात्रों में से 7,396 पुरुष थे और 5,693 महिलाएं थीं।
महाराष्ट्र
2021 में महाराष्ट्र में सबसे अधिक छात्रों ने की आत्महत्या
छात्रों की आत्महत्या के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा। आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में जहां महाराष्ट्र में 1,834 छात्रों (14 प्रतिशत) ने आत्महत्या की, वहीं मध्य प्रदेश में 1,308 छात्रों (10 प्रतिशत) ने आत्महत्या की।
इसके बाद तमिलनाडु में 1,246 (9.5 प्रतिशत) और कर्नाटक में 855 (6.5 प्रतिशत) छात्रों ने आत्महत्या की।
2020 में भी महाराष्ट्र में सबसे अधिक छात्रों ने आत्महत्या की थी। इसके बाद क्रमश: तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक का नाम था।
2016
2016 में 9,478 छात्रों ने की थी आत्महत्या
NCRB के आंकड़ों के अनुसार, देश में 2016 में 9,478 छात्रों ने आत्महत्या की थी, जो 2019 में बढ़कर 10,335 और 2021 में 13,089 हो गईं। 2016 में छात्रों की आत्महत्याएं कुल आत्महत्याओं का 8 प्रतिशत थीं।
बता दें कि इसी अवधि में आत्महत्या के कुल मामलों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ी है। 2016 में जहां इन मामलों की संख्या 1,31,008, वहीं 2021 में यह संख्या बढ़कर 1,64,033 हो गई।
असफल
परीक्षा में असफल होने के कारण कुल 1,673 लोगों ने की आत्महत्या
सोमवार को जारी हुई NCRB की रिपोर्ट से पता चलता है कि 2021 में परीक्षा में असफल होने के कारण कुल 1,673 लोगों ने आत्महत्या की, जो कि कुल आत्महत्याओं का एक प्रतिशत है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस कारण 30 वर्ष से कम आयु के 1,500 से अधिक युवाओं ने आत्महत्या की।
हालांकि इस रिपोर्ट के आधार पर यह कहना कि आत्महत्या करने वाले सभी छात्र थे, यह गलत होगा।
UGC
UGC को पांच वर्ष के दौरान छात्रों की आत्महत्या के 24 मामलों की जानकारी मिली
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 4 अप्रैल को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता दानिश अली के प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को उसके तहत आने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों से पिछले पांच वर्ष के दौरान छात्रों की आत्महत्या के 24 मामलों की जानकारी मिली।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि छात्रों की तरफ से आत्महत्या करने के कारणों का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है।
हेल्पलाइन
आत्महत्या से बचने के लिए इन हेल्पलाइन से ले सकते हैं मदद
आत्महत्या एक गंभीर समस्या है। अगर आप या आपके जानने वाला व्यक्ति किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहा है तो आप नीचे दिए नंबरों पर फोन कर मदद प्राप्त कर सकते हैं।
आसरा: यह मुंबई स्थित NGO है, जो परेशान और अवसाद से घिरे लोगों की मदद करता है। हेल्पलाइन नंबर- 91-22- 27546669
स्नेहा इंडिया फाउंडेशन: यह संस्था हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे सेवा देती है। हेल्पलाइन नंबर- 91-44-24640050
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: हेल्पलाइन नंबर- 18602662345