सिपाही से DSP बनीं बिहार की बबली, घर और बच्चा संभालते हुए की तैयारी
कहते हैं कि मन में अगर कुछ करने की लगन हो तो मंजिल तक पहुंचने में कोई भी परेशानी आड़े नहीं आ सकती। यह कहावत बिहार के बेगूसराय जिले की बबली कुमारी पर बिल्कुल ठीक बैठती है जिन्होंने कॉन्स्टेबल से उप पुलिस अधीक्षक (DSP) तक का सफर तय किया है। बबली के लिए यह सफर आसान नहीं था और इसके लिए उन्होंने बड़ा संघर्ष किया है जिसके बारे में हम आपको बताएंगे।
बेगूसराय में 2015 से कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थीं बबली
बबली की शादी 2013 में हुई थी और 2015 में उन्हें बेगूसराय जिले में कॉन्स्टेबल के पद पर नियुक्ति मिली। उनका एक छोटा बच्चा भी है। वह अपनी नौकरी और पारिवारिक दायित्वों का पालन करने के साथ-साथ पढ़ाई भी करती रहीं। उनकी यह मेहनत रंग लाई और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा पास करने के बाद उन्हें बिहार पुलिस में DSP के पद पर नौकरी मिल गई है।
शादी के बाद नौकरी की तैयारी करने के लिए ससुराल वालों ने दिया साथ
बबली बताती है कि शादी के बाद जब उन्होंने पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की तो उनके ससुराल वालों ने भी उनका साथ दिया और उन्हें बिहार पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर नौकरी मिल गई। उन्होंने बताया, "मैं शुरू से कुछ बड़ा करना चाहती थी, लेकिन पहले घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए मैंने पहले जो नौकरी मिली, वो ले ली। पहले कॉन्स्टेबल की सरकारी नौकरी मुझे मिली तो मैंने ले ली।"
मुख्य परीक्षा में दो बार फेल होने के बाद बबली ने पटना जाकर की तैयारी
बबली के मुताबिक, कॉन्स्टेबल की नौकरी के बाद उन्हें BPSC की प्रारंभिक परीक्षा में दो बार सफलता मिली, लेकिन मुख्य परीक्षा में उन्हें सफलता नहीं मिल पाती थी। वह बताती हैं कि नौकरी के साथ-साथ BPSC की तैयारी करना मुश्किल होता था जिस कारण उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसलिए उन्होंने पटना में रहकर तैयारी करने का निर्णय किया और इस दौरान उन्होंने BPSC की मुख्य परीक्षा पास कर ली।
BPSC की 66वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में बबली ने हासिल की 208वीं रैंक
बता दें कि BPSC की 66वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में बबली ने 208वीं रैंक हासिल की है। सोशल मीडिया पर बबली को काफी तारीफें मिल रही हैं। IAS अवनीश शरण ने ट्विटर पर बबली की एक फोटो साझा की है जिसमें उन्होंने अपना बच्चा गोद में लिया हुआ है। हाल ही में बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार ने बबली को सम्मानित किया था और कहा था कि पुलिस विभाग के सभी जवानों को उनसे सीख लेनी चाहिए।