महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव देह को दी गई भू-समाधि, सामने आई प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट
क्या है खबर?
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (72) के शव का बुधवार को पांच चिकित्सकों के मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत होने की पुष्टि हुई है।
इसके बाद उनके पार्थिव देह को संगम में स्नान कराने के बाद बाघंबरी मठ लाया गया। अंतिम यात्रा में संतों और भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा।
इसके बाद उनके पार्थिव देह को मठ में विधि-विधान के साथ भू-समाधि दे दी गई।
प्रकरण
मठ में फंदे से झूलता मिला था नरेंद्र गिरी का शव
नरेंद्र गिरी का शव उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित मठ के कमरे में फंदे से झूलता मिला था। शिष्यों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को उतारकर अस्पताल पहुंचाया था।
पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया था। जिसमें लिखा गया था कि वह मानसिक रूप से परेशान हैं और इसके कारण अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं।
इतना ही उन्होंने सुसाइड नोट में अपने एक शिष्य से परेशान होने की भी बात लिखी थी।
आरोप
नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में इन्हें ठहराया आत्महत्या के लिए जिम्मेदार
महंत नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में लिखा था, 'मैं बेहद दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरी, आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की है। प्रयागराज पुलिस से अनुरोध है कि तीनों के खिलाफ कानूनी कार्यवाई करें, ताकि मेरी आत्मा को शांति मिले।'
उन्होंने लिखा था, 'आनंद कंप्यूटर से एक लड़की के साथ मेरा फोटो जोड़कर गलत काम कर मेरे को बदनाम कर रहा है। ऐसे में आत्महत्या के लिए मजबूर हो गया।'
कार्रवाई
पुलिस ने आनंद गिरी सहित तीनों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने शिष्य आनंद गिरी को तो सोमवार शाम को ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को मंगलवार सुबह हिरासत में लिया था।
पूछताछ के बाद पुलिस ने आद्या तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया था। SOG की टीम ने भी उनसे पूछताछ की है।
इसी तरह पुलिस ने एक बिल्डर सहित आठ संदिग्ध लोगों की भी सूची तैयार की है। उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट करने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी
पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से कराया पोस्टमार्टम
महंत नरेंद्र गिरी का पांच डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड से करीब दो घंटे तक पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस के उच्च अधिकारियों को सौंप दी गई। प्रारंभिक रिपोर्ट में दम घुटने से उनकी मौत होना सामने आया है।
भू-समाधि
महंत नरेंद्र गिरी के पार्थिव देह को दी भू-समाधि
पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरी के पार्थिव देह को संगम में स्नान कराया गया और उसके बाद उनकी बाघंबरी मठ तक अंतिम शव यात्रा निकाली गई। इसमें संतों और भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा।
इसके बाद नरेंद्र गिरी की अंतिम इच्छा के अनुसार उनके उत्तराधिकारी बलवीर गिरी ने उनकी भू-समाधि की पूरी प्रक्रिया अपने हाथों से संपन्न की।
इस दौरान साधु संतों हाथ जोड़कर उनकी आत्मा की शांति की कामना की।
जेल
कोर्ट ने आनंद गिरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
इधर, मामले में मुख्य आरोपी आनंद गिरी को पुलिस ने दोपहर में न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसी तरह आद्या तिवारी से पूछताछ जारी है।
इसके अलावा पुलिस ने शाम को उनके बेटे संदीप तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस उनसे पूछताछ कर नरेंद्र गिरी की आत्महत्या का राज खोलने में जुटी है। इसी तरह युवा भारत साधु समाज ने आनंद को संगठन से बाहर कर दिया।
दावा
नरेंद्र गिरी ने नहीं लिखा सुसाइड नोट- पुरी
इधर, निरंजनी अखाड़ा के महंत रवींद्र पुरी ने इंडिया टुडे से कहा कि नरेंद्र गिरी के सिर में चोट की पुष्टि हुई है। फांसी के बाद सिर में चोट कैसे लग सकती है?
उन्होंने पूछा की नरेंद्र गिरी की न तो आंखे बाहर निकली थी और न ही जीभ। ऐसे में वह फांसी से कैसे मर सकते हैं?
उन्होंने दावा किया कि सुसाइड नोट नरेंद्र गिरी ने न लिखकर किसी स्नातक के छात्र द्वारा लिखा हुआ प्रतीत हो रहा है।
फैसला
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद पर 16 दिन बाद लिया जाएगा फैसला- पुरी
पुरी ने कहा कि नरेंद्र गिरी की मौत की अखाड़ा भी अपने स्तर पर जांच कर रहा है। अभी अखाड़े ने सात दिन के शोक की घोषणा की है। नए अध्यक्ष पर फैसला 16 दिन बाद ही किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बलबीर का पूरा नाम बलबीर पुरी है, जबकि सुसाइड नोट में बलबीर गिरी लिखा हुआ है। ऐसे में नरेंद्र गिरी इतनी बड़ी गलती नहीं कर सकते हैं। वह मठ की दूसरी मंजिल से गेस्ट हाउस में कैसे पहुंचे?