UPSC: पश्चिम बंगाल की तरुणी पांडेय को पहले प्रयास में मिली सफलता, यूट्यूब से की तैयारी
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की तैयारी के लिए लोग लाखों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन उसके बाद भी सफलता कुछ किस्मत वालों को ही मिलती है। इसके उलट पश्चिम बंगाल निवासी तरुणी पांडेय ने बिना कोचिंग के महज यूट्यूब की मदद से UPSC परीक्षा में 14वीं रैंक हासिल कर उन लोगों के लिए मिसाल कायम की है, जो सफलता न मिलने पर संसाधनों के अभाव को दोषी ठहराते हैं। आइए जानते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी।
तरुणी ने बिना कोचिंग और ट्यूशन के हासिल की सफलता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तरुणी मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं और उन्होंने वहीं से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद उन्होंने 12वीं की पढ़ाई जेबीसी प्लस टू हाई स्कूल जामताड़ा से पूरी की। उन्होंने साल 2019 में मिहिजाम कोड़ापाड़ा स्थित इंदिरा गांधी ओपेन यूनिवर्सिटी (IGNU) से स्नातक की शिक्षा और साल 2021 में अग्रेंजी साहित्य से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। पूरी पढ़ाई के दौरान उन्होंने कभी कोई कोचिंग या ट्यूशन नहीं लिया।
यूट्यूब से पढ़ाई करते हुए हासिल किया मुकाम
एक रिपोर्ट के मुताबिक, तरुणी ने महज सात महीनों की तैयारी के बाद UPSC की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली। तैयारी के दौरान उन्होंने कोई कोचिंग या ट्यूशन भी नहीं लिया, बल्कि यूट्यूब पर मौजूद निशुल्क वीडियो देखकर ही यह परीक्षा पास कर ली। बता दें कि तरुणी इस साल के अंतिम महीने यानी दिसंबर से एक अधिकारी के रूप में अपने प्रशिक्षण की शुरुआत करेंगी।
बचपन से डॉक्टर बनने का था सपना
तरुणी बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं और वह हमेशा से अपना हस्ताक्षर बतौर डॉक्टर ही करना चाहती थीं, लेकिन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में कमांडेंट रहे शहीद प्रमोद कुमार मौसा से मिली प्रेरणा के बाद उन्होंने कुछ बड़ा करने का मन बना लिया। वह कहती है, "मौसा सभी की निशुल्क भाव से मदद करने के लिए हमेशा आगे रहते थे। उन्हीं से मिली प्रेरणा के बाद मैंने इस राह पर चलने का निर्णय किया था।"
तरुणी के मन में कैसे जगी सिविल सेवा में जाने की इच्छा?
तरुणी बताती हैं कि जब वह मौसा के शहीद होने के बाद उनके घर गई तो वहां पर उन्हें कई अधिकारियों से मिलने और बात करने का मौका मिला था। इतने उच्च पद पर रहते हुए भी वह हमारे कष्ट को समझ रहे थे। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की शालीनता और सौम्य व्यवहार को देखकर उनके मन में भी सिविल सेवक बनने की इच्छा हुई। उसके बाद से ही उन्होंने सिविल सेवा के क्षेत्र में करियर बनाने की ठान ली।
क्या है नए उम्मीदवारों के लिए तरुणी की सलाह?
तरुणी से जब यह पूछा गया कि आप इस क्षेत्र में आने का सपना संजोए बैठे नए उम्मीदवारों को क्या सलाह देना चाहती हैं तो उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सबसे जरूरी है कठिन परिश्रम और कड़ी मेहनत। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए अभ्यर्थियों में धैर्य रखने की क्षमता भी होनी चाहिए। साथ ही स्वयं के प्रति ईमानदार भी होना जरूरी है। उम्मीदवारों को सकारात्मक रहते हुए भविष्य की ओर देखते रहना चाहिए।
अंग्रेजी नहीं हो सकती है ज्ञान का पैमाना- तरुणी
UPSC की तैयारी करते समय हिंदी भाषी उम्मीदवारों के सामने आने वाली चुनौतियों के सवाल पर तरुणी ने कहा कि वह खुद भी एक छोटे शहर से है और वहां अक्सर इस तरह की चीजें सुनाने में आती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है कि UPSC की तैयारी के लिए आपकी अंग्रेजी बहुत अच्छी हो। आप यह परीक्षा 22 भाषाओं में दे सकते हैं। अंग्रेजी किसी भी सूरत में आपके ज्ञान का पैमाना नहीं हो सकती है।