पर्यावरण को बचाने के लिए इन IAS अधिकारियों ने शुरू की सराहनीय पहल
क्या है खबर?
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) देश की सबसे प्रतिष्ठित और अधिक मांग वाली सिविल सेवा है।
एक IAS अधिकारी का काम बहुत कठिन होता है और इसके लिए बहुत दृढ़ निश्चय की जरूरत होती है।
ऐसे कई समर्पित IAS अधिकारी हैं, जो अपने कर्तव्यों को पूरा करने के अलावा पर्यावरण को अच्छा करने और लोगों के लिए कई काम करते हैं।
यहां पांच IAS अधिकारियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने पर्यावरण के अनुकूल कई पहल शुरू की हैं।
#1
इस अधिकारी ने जिले को बनाया प्लास्टिक मुक्त जिला
केरल कैडर के IAS अधिकारी मीर मोहम्मद अली ने कन्नूर को 2017 में पांच महीनों में देश का पहला प्लास्टिक-मुक्त जिला बनने में मदद की थी।
तत्कालीन कन्नूर कलेक्टर ने प्लास्टिक कैरी बैग और अन्य वस्तुओं को बंद करने के अलावा हैंडलूम बैग को पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में भी बढ़ावा दिया है।
पिछले साल उन्हें केरल के सुचित्वा मिशन का निदेशक नियुक्त किया गया था। इसके तहत उन्हें अपशिष्ट प्रबंधन योजनाओं की देखरेख करनी है।
#2
इन्होंने लॉन्च की जीरो-प्लास्टिक ड्राइव
2015 बैच के IAS अधिकारी मेघ निधि दहल ने अपने कार्यालय में प्लास्टिक इस्तेमाल करना बिल्कुल बंद कर दिया।
उत्तर सलमारा के उप-विभागीय अधिकारी (SDO) रहते हुए उन्होंने अपने कार्यालय में जीरो-प्लास्टिक ड्राइव लॉन्च की।
प्लास्टिक के उपयोग को कम करते हुए उन्होंने प्लास्टिक और थर्माकोल के गिलास और कटोरे की जगह मिट्टी और कांच के बर्तनों का इस्तेमाल शुरू किया।
दहल पिछले साल असम के मुख्य सचिव के कर्मचारी अधिकारी बने थे।
#3
आशीष ठाकरे ने आदिवासी महिलाओं और पर्यावरण के लिए किया ये काम
ओडिशा के क्योंझर के जिला मजिस्ट्रेट आशीष ठाकरे ने आदिवासी महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ-साथ प्लास्टिक कचरे पर पाबंदी लगाने के लिए एक पहल की।
2011 बैच के अधिकारी ने जिला प्रशासन को प्लास्टिक के सामान और बर्तनों की जगह साल्ट पत्तियों से बने पारंपरिक और टिकाऊ विकल्प देकर कलक्ट्रेट में प्लास्टिक कचरे को कम करने में मदद की।
साल्ट कप और प्लेटों का निर्माण करने वाली आदिवासी महिलाओं को इस पहल के तहत काम मिला।
#4
इस महिला अधिकारी ने की "हरित क्रांति" की शुरुआत
हरि चंदना दासारी ने हैदराबाद में कई रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट प्रबंधन अभियान शुरू करके "हरित क्रांति" की शुरुआत की।
जब 2010-बैच की IAS अधिकारी हरि चंदना GHMC के एक आयुक्त थीं तो हैदराबाद के कई हिस्सों में पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक पेवर टाइल्स, टायर और तेल-ड्रम प्लास्टिक की बोतल आदि पर रोक लगाकर पर्यावरण के अनुकूल कई बदलाव किए।
हरि चंदना को हाल ही में तेलंगाना के नारायणपेट का कलेक्टर नियुक्त किया गया था।
#5
इस अधिकारी ने भी शुरू की इको-फ्रेंडली पहल
2008 बैच के तमिलनाडु कैडर की IAS अधिकारी रोहिणी भजिभाकरे ने 2017 में सेलम को प्लास्टिक कचरे से मुक्त परिसर बनाने के लिए एक इको-फ्रेंडली पहल शुरू की।
सेलम के कलेक्टर के रूप में भजीभकरे के अपने कार्यकाल के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में प्लास्टिक और पॉलिथीन की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बता दें कि उन्हें पिछले साल तमिलनाडु के उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।