IAS और IFS में से क्या है बेहतर विकल्प और कौन सा चुनें? कन्फ्यूजन करें दूर
भारतीय सिविल सेवा में शामिल होना कई युवाओं के लिए सपना होता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय विदेश सेवा (IFS) दो सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक हैं। अधिकांश सिविल सेवा में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार एक दुविधा में रहते हैं कि उन्हें IAS और IFS में किस को चुनना चाहिए। हमने इस लेख में IAS और IFS के बारे में सारी जानकारी दी है, जिससे कि वे अपने लिए IAS/IFS में सही विकल्प चुन सकें।
कैसे होती है भर्ती?
उम्मीदवारों को UPSC सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से IAS और IFS के लिए भर्ती किया जाता है, जो सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में नए भर्ती किए गए IAS और IFS उम्मीदवारों को ट्रेंड किया जाता है। LBSNAA में प्रारंभिक ट्रेनिंग के बाद IFS उम्मीदवारों को बाद में नई दिल्ली में विदेशी सेवा संस्थान में ट्रेनिंग दी जाती है।
क्या करते हैं IAS?
IAS अधिकारियों को विभिन्न स्तर पर सरकारी मामलों को संभालने का काम दिया जाता है। जिसमें पॉलिसियों की फ्रेमिंग करना और उन को अमल कराने का कार्य शामिल होता है। उन्हें कार्यान्वयन प्रक्रिया (Implementation Process) की देखरेख और महत्वपूर्ण स्थानों की यात्रा करनी भी होगी। IAS अधिकारियों को फण्ड के विवकरण की भी देखभाल करनी होती है। अधिकारी संसद या राज्य विधानसभाओं के प्रति जवाबदेह होते हैं।
IFS के मूल कार्य
IFS अधिकारी दुनिया भर में इंडियन एंबेसीज और उच्च आयोगों और भारत में विदेश मंत्रालय के कार्यालयों में तैनात हैं। वे संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संगठनों को अपने एंबेसी/उच्च आयोगों/काउंसलेट्स और स्थायी मिशनों में भारत को रिप्रजेंट करते हैं। अन्य कार्य जैसे अन्य राष्ट्रों में भारत के हितों की रक्षा करना, मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना, जिस देश में वे तैनात हैं वहां के विकास की रिपोर्टिंग करना, समझौतों पर बातचीत करना और सम्मानजनक सुविधाओं का विस्तार करना शामिल है।
इन लोगों के लिए IAS है बेहतर विकल्प
जो उम्मीदवार राष्ट्र के निर्माण के लिए काम करना चाहते हैं और उनके साथ काम करके अपनी समस्याओं को हल करके लोगों के जीवन को बदलना चाहते हैं, जमीनी स्तर पर मुद्दों से निपटना चाहते हैं और देश में रहना चाहते हैं, वे IAS का विकल्प चुन सकते हैं। यह लॉ और ऑर्डर मैनेजमेंट, पॉलिसी फॉर्मूलेशन और उचित कार्यान्वयन, सिविल एडमिनिस्ट्रेशन और अन्य लोगों के बीच ब्यूरोकेरसी में रुचि रखने वालों के लिए अच्छा विकल्प है।
इन चीजों में रुचि रखने वाले करें IFS
अच्छी कम्युनिकेशन स्किल रखने वाले उम्मीदवार, कूटनीति का विवेक कखने वाले और दुनिया के किसी भी कोने की यात्रा करने और रिप्रिजेंट करने का जुनून रखने वालों को IFS के लिए जाना चाहिए। IFS अधिकारी अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मैनेज करते हैं, इसलिए उम्मीदवारों को इकनॉमिक डिप्लोमेसी, ट्रेड रिलेशन, पब्लिक डिप्लोमेसी, रक्षा संबंधों, अंतर सरकारी संगठन और कल्चरल डिप्लोमेसी आदि में रुचि होनी चाहिए।
अपनी पंसद के अनुसार करें चुनाव
देश में विकास के लिए IAS और IFS दोनों का बहुत महत्व रखते है। हालांकि, ये सिविल सेवा पूरी तरह से अलग-अलग कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के साथ एक-दूसरे से अलग हैं। उम्मीदवार की पसंद उनके स्वयं के दृष्टिकोण, करियर और जुनून पर निर्भर होनी चाहिए।