तेलंगाना डॉक्टर रेप-हत्याकांड मामला: सड़कों पर उतरे लोग, FIR में देरी पर तीन पुलिसकर्मी निलंबित
क्या है खबर?
तेलंगाना में एक सरकारी डॉक्टर के गैंगरेप और हत्या के मामले ने दिल्ली के निर्भया गैंगरेप की यादें ताजा कर दी हैं।
शनिवार को घटना पर रोष व्यक्त करते हुए राज्यभर में लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया।
एक महिला ने दिल्ली में संसद के सामने प्रदर्शन करने की कोशिश भी की।
इस बीच मामले में FIR दर्ज करने में पुलिस की ओर से देरी की बात सामने आई है और तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
घटनाक्रम
क्या है पूरा मामला?
गुरूवार सुबह हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित शमशाबाद में एक फ्लाईओवर के नीचे 27 वर्षीय महिला डॉक्टर की अधजली लाश मिली थी।
जांच में सामने आया कि महिला डॉक्टर बुधवार रात को जब अपने घर लौट रही थी, तब शमशाबाद टोल के पास उसकी स्कूटी पंचर हो गई।
इस दौरान उसने अपनी बहन को फोन करके बताया कि उसके आसपास कुछ लोग संदेहपूर्वक तरीके से व्यवहार कर रहे हैं। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया।
वारदात
महिला डॉक्टर को अकेले देख आरोपियों ने दिया वारदात को अंजाम
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने महिला डॉक्टर को अकेले पाकर उसका रेप किया।
इसके बाद उन्होंने उसकी हत्या कर दी और बुधवार सुबह 02:30 बजे के आसपास चट्टनपल्ली में फ्लाईओवर के नीचे उसके शरीर को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस को संदेह है कि महिला को फंसाने के लिए आरोपियों ने ही उसकी स्कूटी में पंचर किया था और बाद में मदद के बहाने उसे सुनसान जगह पर ले जाकर उसका रेप किया।
कार्रवाई
चार आरोपी गिरफ्तार, फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा मुकदमा
पुलिस ने इस मामले में 26 वर्षीय मोहम्मद आरिफ, जोल्लू शिवा, जोल्लू नवीन और चिंताकुंता चेन्नकेशावुलु को गिरफ्तार किया है। ये सभी तेलंगाना के नारायणपेट जिले के रहने वाले हैं।
साइबराबाद पुलिस आरोपियों के खिलाफ महबूबनगर के फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की इंतजाम कर रही है।
कोर्ट से आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की जाएगी और इसका राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी समर्थन किया है।
जानकारी
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने थाने को घेरा
चारों आरोपी शादनगर पुलिस स्टेशन में बंद हैं। शनिवार को सैंकड़ों लोग यहां जमा हो गए और पुलिस स्टेशन को घेर लिया। इसके अलावा हैदराबाद में भी लोगों ने मामले में न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
आरोप
परिजनों का आरोप, पुलिस ने FIR दर्ज करने में की देरी
इस बीच महिला डॉक्टर के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने घटना की रात गुमशुदगी की FIR दर्ज करने में कीमती समय बर्बाद किया और अगर वो समय पर ऐसा कर लेते तो महिला डॉक्टर की जान बचाई जा सकती थी।
परिजनों ने NCW को बताया कि पुलिसकर्मी इस बात को लेकर लड़ते रहे कि मामला कौन से थाना क्षेत्र में आता है और इससे महत्वपूर्ण समय बर्बाद हुआ।
कार्रवाई
सही पाए गए आरोप, तीन पुलिसकर्मी निलंबित
परिजनों के पुलिस पर आरोप लगाने के बाद मामले में जांच की गई जिसमें तीन पुलिसकर्मियों को गुमशुदगी की FIR दर्ज करने में देरी करने का दोषी पाया गया।
साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने समाचार एजेंसी ANI को जानकारी देते हुए बताया कि मामले में शमशाबाद पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर एम रवि कुमार और राजीव गांधी इंटरनेशनल पुलिस स्टेशन में हेड कांस्टेबल पी वेणुगोपाल रेड्डी और ए सत्यनारायण गौड़ को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है।
विवादित बयान
तेलंगाना के गृह मंत्री ने महिला डॉक्टर को ही ठहराया दोषी
इस बीच घटना पर तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है।
मीडिया से बात करते हुए अली ने कहा, "इस घटना से हम दुखी हैं। पुलिस सतर्क है और अपराध नियंत्रित कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला डॉक्टर ने 100 नंबर की जगह अपनी बहन को फोन किया। अगर उन्होंने 100 नंबर पर कॉल किया होता तो उन्हें बचाया जा सकता था।"