
क्या तलाक के बाद मिले गुजारा भत्ते पर देना होगा टैक्स? जानिए क्या कहते नियम
क्या है खबर?
अंतिम तारीख नजदीक आने के साथ इन दिनों इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने का काम जोरों पर चल रहा है। हर कोई टैक्स बचाने के लिए तरह-तरह के प्रयासों में लगा हुआ है। कई लाेग इस बात को लेकर संशय में रहते हैं कि तलाक के बाद पति या पत्नी को मिलने वाले गुजारा भत्ते पर टैक्स लगता है या नहीं। आइये जानते हैं गुजारा भत्ते को लेकर टैक्स के नियम क्या कहते हैं।
नियम
क्या कहते हैं नियम?
शादी टूटने यानी तलाक के बाद पति या पत्नी को गुजारा भत्ता दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में पत्नी को मिलता है। आयकर अधिनियम के तहत आमतौर पर यह टैक्स देने योग्य आय नहीं मानी जाती। कुछ विशेष परिस्थितियों में टैक्स लग सकता है। जानकारों के मुताबिक, यह इस बात पर निर्भर करता है कि भत्ता किस रूप में दिया है। यह 3 तरीकों- एकमुश्त, नियमित मासिक या वार्षिक और संपत्तियों के ट्रांसफर के रूप में दिया जा सकता है।
विकल्प
किस भुगतान विकल्प पर लगता है टैक्स?
एकमुश्त भुगतान: अगर भत्ता एकमुश्त राशि के तौर पर दी जाती है, तो यह टैक्स-फ्री मानी जाती है। इसे इनकम की जगह कैपिटल रिसीट कहते हैं। नियमित मासिक या वार्षिक भुगतान: अगर तलाक के बाद पत्नी को हर महीने या सालाना भत्ता दिया जाता है, तो इसे आय मानते हैं और इस पर टैक्स लगाया जाता है। संपत्तियों का ट्रांसफर: तलाक के बाद संपत्ति का ट्रांसफर होने पर इससे होने वाली आय पर टैक्स देना होता है।