मध्य प्रदेश में मंत्री खुद भरेंगे टैक्स; क्या था पुराना नियम, सरकार ने क्यों बदला?
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री अपना इनकम टैक्स खुद भरेंगे। अब तक मंत्रियों और मुख्यमंत्री का इनकम टैक्स राज्य सरकार भर रही थी। 1972 में ये नियम बना था, जिसे अब सरकार ने बदल दिया है। सरकार ने कहा कि इस फैसले से सरकारी खजाने के करोड़ों रुपये बचेंगे। आइए जानते हैं कि क्या नियम था, जिसे अब बदला गया।
52 साल पुराना था नियम
मध्य प्रदेश सरकार ने 1972 में मंत्री वेतन भत्ता अधिनियम पारित किया था। इसमें प्रावधान था कि सचिव स्तर तक के मंत्रियों का इनकम टैक्स राज्य सरकार द्वारा भरा जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार मंत्रियों के वेतन और भत्ते पर इनकम टैक्स का भुगतान करती थी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "राज्य के हित में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ मंत्रिमंडल द्वारा कई निर्णय लिए गए। हमारे मंत्री अपना टैक्स खुद भरेंगे और सरकार से कोई सहायता नहीं लेंगे।"
क्यों बदला गया नियम?
नियम को रद्द करने के पीछे सबसे बड़ी वजह सरकारी खजाने में कटौती है। दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार पर पहले से ही काफी कर्ज है। फरवरी में ही सरकार ने 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक प्रदेश सरकार 32,500 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। 31 मार्च, 2023 की स्थिति में सरकार पर 3.31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है।
इनकम टैक्स पर कितना होता था खर्च?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य सरकार ने साल 2023 से 2024 के लिए मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष सहित 35 जनप्रतिनिधियों का 79 लाख से ज्यादा का इनकम टैक्स जमा किया था। पिछले 5 साल में मंत्रियों के इनकम टैक्स पर करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। सरकार जिन मंत्रियों का टैक्स जमा करती है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बृजेंद्र प्रताप सिंह, गोपाल भार्गव, यशोधरा राजे सिंधिया जैसे नेता शामिल हैं।
क्या और राज्यों में भी है ऐसी व्यवस्था?
हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सरकार भी अपने मंत्रियों का आयकर भरती है। पहले ये व्यवस्था कई राज्यों में थी, जिसे धीरे-धीरे खत्म कर दिया गया। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने 2019 और हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 2021 में ये नियम खत्म कर दिया था। बिहार, पंजाब और ओडिशा में भी मंत्री अपना इनकम टैक्स खुद भरते हैं। जुलाई से असम में सभी मंत्री बिजली बिल भी खुद भरेंगे।