#NewsBytesExplainer: RBI क्यों लेकर आया था 2,000 रुपये के नोट और अब क्यों कर रहा बंद?
क्या है खबर?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने करेंसी मैनेजमेंट के तहत 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का ऐलान किया है। इन्हें नवंबर, 2016 में जारी किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी का ऐलान करने के बाद RBI अधिनियम, 1934 की धारा 24 (1) के तहत 2,000 रुपये के नोट लाए गए थे।
आइये जानते हैं कि RBI क्यों इस नोट को लाया था और क्यों अब इसे बंद किया जा रहा है।
क्यों
RBI क्यों लेकर आया था 2,000 रुपये का नोट?
RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2016 में हुई नोटबंदी के बाद बाजार में प्रचुर मात्रा में करेंसी उपलब्ध कराने के लिए 2,000 रुपये के नोट छापे गए थे क्योंकि उस समय बाजार में करेंसी का अभाव हो गया था।
उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति और पर्याप्त मात्रा में अन्य मूल्यवर्ग की करेंसी की उपलब्धता के बाद 2,000 रुपये के नोटों की छपाई 2018-19 में बंद कर दी गई थी।
करेंसी मैनेजमेंट
क्या होता है करेंसी मैनेजमेंट, जिसके तहत वापस लिए जा रहे 2,000 के नोट?
RBI गवर्नर दास ने कहा कि करेंसी मैनेजमेंट के तहत 2,000 रुपये के नोट वापस लिये जा रहे हैं। बाजार में कम प्रचलित नोटों को वापस लेने की प्रक्रिया को करेंसी मैनेजमेंट कहा जाता है।
इससे पहले भी करेंसी मैनेजमेंट होता रहा है और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। गवर्नर दास ने कहा कि 2013-14 में भी 2005 से पहले छपे नोटों को बदला गया था और अब 2,000 रुपये के नोटों को वापस लिया जा रहा है।
स्वच्छ नोट नीति
नोट वापस लेने के पीछे और क्या कारण?
RBI का कहना है कि 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के पीछे स्वच्छ नोट नीति भी है।
यह नीति 1999 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले करेंसी नोट और सिक्के उपलब्ध कराना है, जबकि गंदे नोटों को चलन से बाहर कर दिया जाता है।
RBI ने सभी बैंकों को इस नीति के तहत कई दिशा-निर्देश जारी किये हुए हैं, ताकि नोटों का जीवन चक्र बढ़ाया जा सके।
अमान्य
क्या अब वैध नहीं रहे 2,000 रुपये के नोट?
RBI गर्वनर दास ने कहा कि 2,000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित नहीं किया गया है और लोगों के पास 2,000 रुपये के नोट बदलने या जमा करने के लिए 4 महीने का पर्याप्त समय है। उन्होंने कहा कि बैंकों में अधिकांश नोटों के वापस आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, "हम तय करेंगे कि 30 सितंबर के बाद आगे क्या करना है, लेकिन यह लीगल टेंडर बना रहेगा। इसे बस प्रचलन से बाहर किया जा रहा है।"
RBI
बाजार में 2,000 रुपये के कितने नोट?
RBI ने कहा कि मार्च, 2017 से पहले 2,000 रुपये के अधिकांश (89 प्रतिशत) नोट जारी किए गए थे और आमतौर पर 2,000 रुपये के नोट लेनदेन के लिए उपयोग नहीं किए जाते हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में 2,000 रुपये के 274 करोड़ नोट चलन में थे, जो कुल नोटों के 2.4 प्रतिशत के करीब थे। 2021 में इनकी संख्या गिरकर 245 करोड़ (2 प्रतिशत) और 2022 में 214 करोड़ (1.6 प्रतिशत) हो गई।
नोट
बाजार में कितने मूल्य के 2,000 रुपये के नोट?
RBI के मुताबिक, 31 मार्च, 2023 तक बाजार में 2,000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य कुल मुद्रा का केवल 10.8 प्रतिशत था।
पिछले 5 सालों की बात करें तो 31 मार्च, 2018 को 2,000 रुपये के कुल नोटों का मूल्य 6.73 लाख करोड़ रुपये था, जो कुल मुद्रा का 37.3 प्रतिशत था।
31 मार्च, 2023 को इन नोटों का कुल मूल्य घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया था।
बदलाव
कैसे बदल या जमा करवा सकते हैं 2,000 रुपये का नोट?
RBI ने ऐलान के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कहा है कि 2,000 रुपये के नोटों को बदलने या जमा करने के लिए किसी फॉर्म या ID की आवश्यकता नहीं होगी और एक व्यक्ति दिन में कई बार 20,000 रुपये मूल्य के नोट बदल सकता है।
RBI ने कहा कि ये सुविधा सभी बैंकों में 30 सितंबर तक जारी रहेगी और जरूरत पड़ने पर वह इस तारीख को बढ़ा भी सकता है।
बैंको को निर्देश
क्या नोट बदलने के लिए शुल्क लगेगा?
RBI ने स्पष्ट किया है कि बैंकों में 2,000 रुपये के नोट बदलने या जमा कराने के लिए लोगों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके अलावा बैंकों को वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग के लिए विशेष व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो।
RBI ने अपने सर्कुलर में सभी बैंकों को 2,000 रुपये के नोटों के आदान-प्रदान का दैनिक डाटा रखने का निर्देश भी दिया है।