#NewsBytesExpainer: राइट टू रिपेयर पोर्टल क्या है और कैसे करें इसका उपयोग?
क्या है खबर?
वाहनों के खराब कलपुर्जों को ठीक करवाने के लिए ग्राहकों को सर्विस सेंटर जाना पड़ता है। वहीं अगर ग्राहक इसे अधिकृत सर्विस सेंटर से बाहर ठीक करवाते हैं तो इन पर मिलने वाली वारंटी खत्म होने का डर रहता है।
अब उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 'राइट टू रिपेयर' के फ्रेमवर्क के लिए एक समिति का गठन किया है। यह फ्रेमवर्क ग्राहकों को अपने वाहन कहीं भी ठीक करवाने का अधिकार देगा।
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
पहले
अब तक क्या प्रावधान है?
चाहे नई गाड़ी हो या स्मार्टफोन, वर्तमान में अगर इनमें किसी तरह की खराबी आ जाए तो ग्राहकों को कंपनी के सर्विस सेंटर ही जाना पड़ता है। यहां से बाहर मरम्मत के चलते वारंटी खत्म हो सकती है।
कई बार कंपनी द्वारा बताये गए मरम्मत के पैसे इतने अधिक होते हैं कि ग्राहक उसकी जगह नया उपकरण खरीद लेते हैं। अब इन झंझटों से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने कमर कसी है।
रिपेयर
क्या है राइट टू रिपेयर?
वारंटी खत्म ना हो, इस कारण नए वाहनों में आई खराबी को ठीक करवाने के लिए ग्राहक कंपनी के सर्विस सेंटर में ही जाते हैं।
'राइट टू रिपेयर' ग्राहकों को अपनी गाड़ी या उपकरण कहीं भी ठीक करवाने का अधिकार देता है और इससे उत्पादों की वारंटी भी नहीं खत्म होगी।
अब कोई भी कंपनी आपको ये कहकर टाल नहीं सकती कि गाड़ी या उपकरण के किसी पार्ट्स की मरम्मत नहीं हो सकती या फिर उसके कलपुर्जे नहीं मिलेंगे।
पार्ट्स
पोर्टल पर मिलेगी सभी गाड़ियों के पार्ट्स की जानकारी
'राइट टू रिपेयर' के तहत लगभग सभी ऑटोमोबाइल निर्माताओं को वाहनों में इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स की जानकारी ग्राहकों से साझा करना अनिवार्य होगा।
इसकी मदद से ग्राहक किसी पार्ट्स के लिए सर्विस आउटलेट पर निर्भर रहने के बजाय अपनी कार या बाइक की मरम्मत किसी भी मैकेनिक से करवा सकते हैं।
इसके अलावा सभी कंपनियां इन पार्ट्स की कीमतें भी पोर्टल पर जारी करेंगी, जिससे ग्राहक कहीं भी उतने पैसे देकर अपनी गाड़ी की मरम्मत करवा सकते हैं।
गाइड
खुद से भी बदल सकेंगे पार्ट्स
'राइट टू रिपेयर' पोर्टल पर ऑटोमोबाइल कंपनियों को एक यूजर मैनुअल गाइड देनी भी अनिवार्य होगी।
इसकी मदद से ग्राहक वाहनों में छोटे-मोटे पार्ट्स को खुद ही बदलने में सक्षम हो जाएंगे। हालांकि, उन्हें अब भी पार्ट्स कंपनी या किसी लोकल दुकान से ही खरीदना पड़ेगा।
आपको बता दें कि अमेरिका सहित कई देशों में राइट टू रिपेयर पोर्टल्स पहले से ही मौजूद है। यहां ज्यादातर लोग गाड़ियों की छोटी-बड़ी समस्यायों को खुद से ही ठीक कर लेते हैं।
रजिस्टर कंपनियां
रजिस्टर हो चुकी हैं हीरो मोटोकॉर्प और होंडा जैसी कंपनियां
सरकार जल्द ही इस पोर्टल पर ज्यादातर ऑटोमोबाइल कंपनियों को रजिस्टर करने की योजना बना रही है।
होंडा और घरेलू बाइक निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने पहले ही 'राइट टू रिपेयर' की आधिकारिक वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर कर लिया है।
भारतीय दोपहिया बाजार में उपलब्ध ये दोनों कंपनियां अब अपनी बाइक्स और कार से जुड़ी हर तरीके की जानकारी वेबसाइट के माध्यम से सरकार और ग्राहकों से साझा करेंगी।
वारंटी
वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं के बीच बनी रहेगी पारदर्शिता
बता दें कि वाहन निर्माताओं और उपभोक्ताओं के बीच पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए वाहन निर्माताओं को आधिकारिक 'राइट टू रिपेयर' वेबसाइट पर अपनी सर्विस, वारंटी, अन्य नियमों और शर्तों के बारे में जानकारी साझा करना अनिवार्य होगा।
यह कदम ऑटोमेकर और उसके ग्राहकों के बीच विश्वास बनाने में मदद करेगा।
इसकी मदद से ग्राहकों को वेबसाइट के माध्यम से ही पता चल जाएगा कि वाहनों में इस्तेमाल होने वाली कौन-से पार्ट्स पर वारंटी नहीं है।
जानकारी
राइट टू रिपेयर में ये सेक्टर भी हैं शामिल
ऑटोमोटिव उद्योग के अलावा 'राइट टू रिपेयर' पोर्टल पर ऐपल और सैमसंग जैसी मोबाइल फोन और टैबलेट कंपनियां, कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनियां और डिस्प्ले बनाने वाली भी कई कंपनियां रजिस्टर हैं।
उपयोग
कैसे करें राइट टू रिपेयर पोर्टल का उपयोग?
भारत में 'राइट टू रिपेयर' पोर्टल तक पहुंचने के लिए आपको www.righttorepairindia.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। यहां होमपेज पर आपको पोर्टल द्वारा कवर की जाने वाली विभिन्न उत्पाद श्रेणियों की लिस्ट मिलेगी।
इनमें कृषि उपकरण, मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक्स डिस्प्ले/डाटा स्टोरेट कंपोनेंट्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल और ऑटोमोबाइल कंपनियों द्वारा बनाये जाने वाले पार्ट्स से जुड़ी जानकारी मिलेगी।
बता दें कि यहां आप वाहन कंपनी का चयन कर उनके मॉडलों से भी जुडी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।