गो फर्स्ट दिवालिया मामला: एयरलाइन के पास रहेंगे विमान, NCLT का आदेश रहेगा बरकरार
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) ने सोमवार को गो फर्स्ट की दिवालिया समाधान प्रक्रिया के मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) के आदेश को बरकरार रखा। NCLAT ने गो फर्स्ट को बड़ी राहत देते हुए कहा कि सभी विमान एयरलाइन के पास ही रहेंगे और लीजकर्ता अब NCLT में अपील दायर कर सकते हैं। इस आदेश के बाद अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) को गो फर्स्ट की दिवालिया समाधान प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने की अनुमति मिल गई है।
NCLAT में किसने दाखिल की थी याचिका?
लीजकर्ताओं में से एक SMBC एविएशन ने NCLAT में दाखिल अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि गो फर्स्ट द्वारा स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया की शुरुआत वास्तव में एक धोखाधड़ी है। SMBC एविएशन की तरफ से पेश वकील ने कहा कि लीजकर्ता ने पहले ही गो फर्स्ट के साथ अपनी लीज को समाप्त कर दिया था और वह गो फर्स्ट से विमान वापस चाहता है। उन्होंने कहा कि गो फर्स्ट का विमानों पर कोई अधिकार नहीं है।
NCLT ने अपने आदेश में क्या कहा था?
NCLT ने 11 मई को गो फर्स्ट को राहत देते हुए उसके स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया के आवेदन को स्वीकार कर लिया था। अधिकरण ने कहा था कि दिवालिया समाधान पूरी होने तक IRP कर्ज में डूबी गो फर्स्ट एयरलाइन को चलाने की जिम्मेदारी संभालेंगे और निलंबित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स IRP का सहयोग करेंगे।। NCLT ने कंपनी को एक संस्था के रूप में चालू रखने और किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने का आदेश भी दिया था।
गो फर्स्ट ने क्यों लगाई अपने विमानों के परिचालन पर रोक?
आर्थिक संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका की प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) इंटरनेशनल एयरो इंजन कंपनी द्वारा खराब इंजनों की आपूर्ति की बढ़ती संख्या के कारण उसे अचानक यह कदम उठाना पड़ा है। गो फर्स्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) कौशिक खोना ने कहा था कि कंपनी को काफी वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और इसके चलते विमानों की सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।
गो फर्स्ट ने क्या दलील पेश की थी?
गो फर्स्ट ने मामले में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि कंपनी को चालू रखने के लिए उसने पहले 200 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया है। गो फर्स्ट ने आगे कहा कि एयरलाइन के पूर्व प्रबंधन पर लगाए गए धोखाधड़ी और दुर्भावना के आरोप निराधार थे। गौरतलब है कि NCLT ने अपने आदेश में अभिलाष लाल को अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) के रूप में तत्काल प्रभाव से एयरलाइन का प्रबंधन संभालने के लिए कहा था।
गो फर्स्ट ने 26 मई तक उड़ानों को किया है रद्द
ताजा जानकारी के मुताबिक, गो फर्स्ट ने 26 मई तक अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर रखा है। वाडिया समूह के स्वामित्व वाली गो फर्स्ट रद्द की गई उड़ानों के लिए यात्रियों को उनके भुगतान के मूल तरीके के जरिए पूरा रिफंड जारी कर रही है। एयरलाइन ने दोबारा संचालन शुरू होने की संभावना भी जताई है। गो फर्स्ट ने इससे पहले 23 मई तक की अपनी सभी उड़ानों को रद्द किया था।