NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / समलैंगिक विवाह: केंद्र ने राज्यों से भी मांगी राय, 10 दिन में जवाब देने को कहा
    अगली खबर
    समलैंगिक विवाह: केंद्र ने राज्यों से भी मांगी राय, 10 दिन में जवाब देने को कहा
    समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने राज्यों से भी राय मांगी है

    समलैंगिक विवाह: केंद्र ने राज्यों से भी मांगी राय, 10 दिन में जवाब देने को कहा

    लेखन आबिद खान
    Apr 19, 2023
    02:38 pm

    क्या है खबर?

    केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह पर 10 दिनों के भीतर राज्यों से राय मांगी है। केंद्र ने यह राय ऐसे समय पर मांगी है जब सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई जारी है।

    इस मामले की सुनवाई 5 जजों की संविधान पीठ कर रही है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस एसआर भट, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।

    राज्य

    केंद्र ने की राज्यों को पक्षकार बनाने की मांग

    केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आज नया हलफनामा दायर कर इस मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी पक्षकार बनाने की मांग की है।

    सरकार का कहना है कि समलैंगिक विवाह पर बहस राज्यों के विधायी क्षेत्र के अंतर्गत आती है, इसलिए उन्हें सुनवाई में पक्षकार होना चाहिए।

    मंगलवार को भी केंद्र ने कहा था कि यह विषय समवर्ती सूची में आता है और इस मामले में राज्यों को पक्षकार बनाया जाना चाहिए।

    विरोध

    केंद्र के प्रस्ताव का याचिकाकर्ताओं ने किया विरोध

    राज्यों को पक्षकार बनाने संबंधी केंद्र के प्रस्ताव का याचिकाकर्ताओं ने विरोध किया है।

    उनके वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सिर्फ इसलिए कि मुद्दा समवर्ती सूची में है, इसका मतलब यह नहीं है कि राज्यों को भी पक्षकार बनाने की जरूरत है।

    वकीलों ने कहा कि केंद्र ने पहले एक पत्र जारी कर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विचार मांगे थे और मामला 5 महीने से लंबित है।

    जानकारी

    मामले में कौन किसका पक्ष रख रहा है?

    इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पक्ष रख रहे हैं, वहीं याचिकाकर्ताओं का पक्ष मुकुल रोहतगी, सौरभ किरपाल, नीरज किशन कौल, मेनका गुरुस्वामी, अरुंधति काटजू, आनंद ग्रोवर, अखिल सिब्बल, शाहदान फरासत और करुणा नंदी रख रहे हैं।

    कल सुनवाई

    सुनवाई के दौरान कल क्या हुआ था?

    कल तुषार मेहता ने कहा था कि मामले में दाखिल की गईं याचिकाएं सुनवाई के योग्य नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देना न्यायपालिका की जगह संसद के क्षेत्राधिकार का मामला है।

    उन्होंने कहा था, "सुप्रीम कोर्ट शादी की नई संस्था नहीं बना सकता है। यहां मौजूद कुछ विद्वान वकील और जज पूरे देश का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं और इसके लिए संसद ही सही जगह है।"

    कोर्ट

    पर्सनल लॉ पर विचार नहीं किया जाएगा- सुप्रीम कोर्ट

    मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो पर्सनल लॉ के क्षेत्र में जाए बिना देखेगी कि क्या विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के जरिए समलैंगिकों को शादी का अधिकार दिया जा सकता है।

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "विशेष विवाह अधिनियम में भी एक पुरुष और एक महिला की अवधारणा लिंग के आधार पर पूर्ण नहीं है। सवाल यह नहीं है कि आपके जननांग क्या हैं, यह काफी जटिल बात है।"

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    केंद्र सरकार
    सुप्रीम कोर्ट
    समलैंगिक विवाह

    ताज़ा खबरें

    डोनाल्ड ट्रंप से बात करने के बाद बोले पुतिन- युद्ध विराम पर काम करने को तैयार डोनाल्ड ट्रंप
    IPL 2025: SRH ने LSG को दी शिकस्त, देखिए मैच के शानदार मोमेंट्स IPL 2025
    IPL 2025: SRH से हारकर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हुई LSG, बने ये रिकॉर्ड्स IPL 2025
    IPL 2025: अभिषेक शर्मा ने LSG के खिलाफ जड़ा दूसरा अर्धशतक, बने 'प्लेयर ऑफ द डे' इंडियन प्रीमियर लीग

    केंद्र सरकार

    H3N2 वायरस के मामलों के बीच बढ़ती कोविड पॉजिटिविटी दर पर केंद्र सरकार हुई अलर्ट कोरोना वायरस
    समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का सरकार ने किया विरोध, भारतीय पंरपरा के खिलाफ बताया सुप्रीम कोर्ट
    भोपाल गैस त्रासदी: पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज सुप्रीम कोर्ट
    राहुल गांधी के कैम्ब्रिज भाषण पर संसद में हंगामा, माफी की मांग पर अड़ी भाजपा  राहुल गांधी

    सुप्रीम कोर्ट

    अडाणी-हिंडनबर्ग मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने से किया इनकार  अडाणी समूह
    सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पीरियड्स लीव संबंधी याचिका, कहा- महिलाओं को नौकरी देने से कतराएंगे  डीवाई चंद्रचूड़
    सुप्रीम कोर्ट ने शहरों के नाम बदलने की याचिका खारिज की, हिंदू धर्म को महान बताया दिल्ली
    NEET 5 मार्च को ही होगा, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की स्थगित करने की याचिकाएं NEET

    समलैंगिक विवाह

    UP: दो महिलाओं ने अपने-अपने पति को तलाक देकर आपस में रचाई शादी, जानें पूरा मामला समलैंगिकता
    मुंबई में रखी गई पहली समलैंगिक शादी की पार्टी, खुशियों में शामिल हुए सब भारत की खबरें
    समलैंगिक शादी को मान्यता देने वाला एशिया का पहला देश बना ताइवान भारत की खबरें
    बड़ी बहन पैसे के लिए ब्लैकमेल कर रही थीं इसीलिए कबूला समलैंगिक रिश्ता- दुती चंद भारत की खबरें
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025