RBI ने फिर बढ़ाई रेपो रेट, 35 बेसिस प्वाइंट का इजाफा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया। इसके साथ ही रेपो रेट 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गई है। RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में वृद्धि की घोषणा की। RBI ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में वृद्धि की है। आखिरी बार 30 सितंबर को इसमें 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की गई थी।
5 बार में हुई 2.25 प्रतिशत की वृद्धि
मौजूदा वित्त वर्ष में RBI रेपो रेट में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। सबसे पहले मई में रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि करके इसे 4.40 प्रतिशत किया गया था। इसके बाद जून में इसमें 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया जिसके बाद यह 4.90 प्रतिशत हो गई। अगस्त और सितंबर में भी इसमें 50-50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई, जिसके बाद यह क्रमशः 5.40 प्रतिशत और 5.90 प्रतिशत पर पहुंच गई।
क्या होती है रेपो रेट?
RBI जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। दरअसल, जिस प्रकार लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा लेकर ब्याज चुकाते हैं, उसी प्रकार बैंकों को केंद्रीय बैंक यानी RBI से लोन लेना पड़ता है। इस लोन पर बैंक जिस दर से RBI को ब्याज देते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। यह अर्थव्यवस्था के सबसे अहम फैक्टर्स में से एक होती है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी से लोन होंगे महंगे
बता दें कि जब भी RBI की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी की जाती है तो इसका सीधा प्रभाव लोन की ब्याज दरों में वृद्धि के तौर पर देखने को मिलता है। रेपो रेट में 35 बेसिस पॉइन्ट का इजाफा होने पर होम लोन, ऑटो लोन और अन्य सभी प्रकार के लोन महंगे हो जाएंगे। इसके बाद कई वाणिज्यिक बैंक भी ब्याज दर में इजाफा कर सकती हैं।
GDP की विकास दर का अनुमान घटाया गया
RBI ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की विकास दर के अनुमान को 7.0 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर के 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। महंगाई को लेकर RBI के गवर्नर ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में इसके 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर 5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है।