लोकसभा में जल्द पेश होगा नया आयकर विधेयक, क्या-क्या बदल जाएगा?
क्या है खबर?
लोकसभा में कल यानी 13 फरवरी को नया आयकर विधेयक पेश किया जा सकता है। इसे 'आयकर विधेयक 2025' नाम से जाना जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण के दौरान इनकम टैक्स से जुड़ा नया विधेयक लाने की बात कही थी। इस विधेयक में 600 पृष्ठ, 23 अध्याय, 16 अनुसूचियां और 536 खंड हैं।
आइए जानते हैं कि विधेयक लागू होने के बाद क्या-क्या बदल जाएगा।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन अवधि में कोई बदलाव नहीं
विधेयक में 'मूल्यांकन वर्ष', 'वित्तीय वर्ष' और 'पिछला वर्ष' शब्दों को हटाया गया है। इनकी जगह अब सिर्फ 'कर वर्ष' इस्तेमाल किया जाएगा। ये 'कर वर्ष' एक अप्रैल, 2026 से अगले 12 महीने की वित्तीय अवधि को परिभाषित करेगा।
इसके अलावा शेयर बाजार के लिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की अवधि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 12 महीने तक की अवधि को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा और इस पर अभी की तरह 20 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
CBDT
CBDT को मिला ये नया अधिकार
नए विधेयक में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से जुड़ा अहम बदलाव हुआ है।
मसौदे के मुताबिक, पहले बोर्ड को विभिन्न टैक्स योजनाएं शुरू करने के लिए संसद से संपर्क करना होता था, लेकिन अब CBDT को स्वतंत्र रूप से ऐसी योजनाएं शुरू करने का अधिकार दिया गया है।
CBDT बार-बार विधायी संशोधन किए बिना कर प्रशासन नियम बना सकता है, अनुपालन उपाय प्रस्तुत कर सकता है और डिजिटल कर निगरानी प्रणाली लागू कर सकता है।
स्लैब
टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
नए विधेयक में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। बजट में घोषित की गईं टैक्स दरें ही लागू होंगी और 12 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
नई टैक्स व्यवस्था में मानक कटौती 75,000 और पुरानी व्यवस्था में 50,000 रुपये रहेगी।
विधेयक में सिर्फ टैक्स व्यवस्था को तर्कसंगत और आसान बनाया जाएगा और मौजूदा कानून में कई नए सुधारों का प्रावधान होगा। कुछ अपराधों में सजा कम करने का प्रावधान भी हो सकता है।
समिति
संसदीय समिति को भेजा जाएगा विधेयक
विधेयक को संसद में पेश करने के बाद स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा, जो इस पर विचार-विमर्श करेगी और बदलाव की सिफारिश भी कर सकती हैं।
वित्त मंत्री ने विधेयक को लेकर कहा था, "मुझे उम्मीद है कि इसे अगले हफ्ते लोकसभा में पेश किया जाएगा। उसके बाद इसे एक समिति के पास भेजा जाएगा। समिति द्वारा सिफारिशें दिए जाने के बाद यह फिर से मंत्रिमंडल के पास जाएगा और फिर संसद में पेश किया जाएगा।"