ट्विटर ने किया बदलाव, विनय प्रकाश बने भारत में कंपनी के रेजिडेंट ग्रीविएंस ऑफिसर
माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर भारत में लागू की गईं नई सोशल मीडिया गाइडलाइन्स को लेकर लगातार चुनौतियों का सामना कर रही है। केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच देखने को मिले टकराव के बीच कंपनी पर नए IT रूल्स, 2021 के उल्लंघन का आरोप भी लग रहा है। अब ट्विटर ने विनय प्रकाश को अपना रेजिडेंट ग्रीविएंस ऑफिसर बनाया है। इससे पहले ट्विटर ने अमेरिका में रहने वाले एक अधिकारी जेरेमी केसेल को इस पद पर नियुक्त किया था।
नए नियमों में बताए गए तीन पद
अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर की ओर से पिछले दिनों नए IT रूल्स, 2021 का उल्लंघन करने की बात सामने आई थी। नियमों में कहा गया है कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को तीन पदों पर नियुक्तियां करनी होंगी। इन पदों में चीफ कंप्लायंस ऑफिसर, नोडल ऑफिसर और ग्रीविएंस ऑफिसर शामिल हैं। तीनों पदों पर नियुक्त ऑफिसर्स का भारत का नागरिक होना जरूरी है, जबकि ट्विटर की ओर से इससे पहले बनाए गए ग्रीविएंस ऑफिसर भारत के नागरिक नहीं थे।
ट्विटर वेबसाइट पर दी गई जानकारी
वेबसाइट पर अपडेट की गई जानकारी के मुताबिक, विनय प्रकाश भारत में नए रेजिडेंट ग्रीविएंस ऑफिसर (RGO) बनाए गए हैं। यूजर्स पेज पर दिए गई ईमेल ID की मदद से उनसे कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। पेज पर लिखा है, "ट्विटर को भारत में नीचे दिए गए अड्रेस पर कॉन्टैक्ट किया जा सकता है: चौथी मंजिल, द इस्टेट, 121 डिकेन्सन रोड, बेंगलुरू 560 042"। विनय प्रकाश का नाम ट्विटर के ग्लोबल लीगल पॉलिसी डायरेक्टर जेरेमी केसेल के साथ दिख रहा है।
नहीं कर रही थी नियमों का पालन
बीते दिनों केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को सौंपे एक शपथ पत्र में बताया था कि ट्विटर नई गाइडलाइन्स का पालन नहीं कर रही है। सरकार ने कहा था कि ट्विटर वेबसाइट से पता चला है कि नए नियमों के आधार पर नियुक्त किया गया ट्विटर ग्रीविएंस ऑफिसर भारत का नागरिक ना होकर अमेरिका में रहता है। अब ट्विटर ने इस गलती को सुधारते हुए भारतीय नागरिक की नियुक्ति ग्रीविएंस ऑफिसर के पद पर की है।
ट्विटर की जवाबदेही तय करने की कोशिश
सरकार ने इससे पहले टि्वटर से सोशल मीडिया मध्यस्थ का दर्जा और कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा का अधिकार को वापस ले लिया है। ऐसे में अब ट्विटर को यूजर्स के कंटेट के होस्टिंग प्लेटफॉर्म की जगह एक पब्लिशर माना जाएगा। यानी कि भारत में अब ट्विटर को यूजर्स के कंटेट के होस्टिंग प्लेटफॉर्म की जगह एक पब्लिशर माना जाएगा और वह अपने प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाली हर एक पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगी।
कोर्ट ने कार्रवाई को दी थी हरी झंडी
हाई कोर्ट में जस्टिस रेखा पल्ली ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि टि्वटर ने यह नहीं बताया कि पिछले रेजिडेंट ग्रीविएंस ऑफिसर (RGO) की इससे पहले नियुक्ति केवल अंतरिम आधार पर थी और उन्होंने 21 जून को इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा था कि अब ट्विटर को किसी तरह की राहत नहीं दी जा सकती और केंद्र सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है।