लॉकडाउन में मजदूरों के बकाया किराए के भुगतान की नीति तैयार करे दिल्ली सरकार- हाई कोर्ट
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को अपने वादे के अनुसार कोरोना महामारी को लेकर लगाए गए लॉकडाउन में मजदूरों के बकाया किराए का भुगतान करने की नीति बनाने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से बकाया किराए के भुगतान को लेकर दिया गया आश्वासन एक लागू करने योग्य वादे के बराबर है। ऐसे में सरकार को इसे पूरा करने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।
पृष्ठभूमि
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मकान मालिकों से की थी किराया नहीं लेने की अपील
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना महामारी को लेकर 25 मार्च, 2020 से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसमें लाखों लोगों की नौकरी चली गई थी और वह अपना मकान किराया चुकाने में भी सक्षम नहीं थे।
इसको देखते हुए मुख्मंत्री केजरीवाल ने मकान मालिकों से मजदूरों से किराया नहीं लेने की अपील की थी।
उन्होंने कहा था कि यदि कोई मजदूर किराया नहीं भर पाता है तो उसका भुगतान सरकार करेगी।
याचिका
पांच दिहाड़ी मजदूरों ने दायर की याचिका
मुख्यमंत्री केजरीवाल के इस वादे को लेकर गत दिनों पांच दिहाड़ी मजदूरों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसमें उन्होंने कहा था कि पिछले साल 29 मार्च को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मकान मालिकों से निवेदन किया था कि जो गरीब हैं, उनसे किराया अभी नहीं लें।
इसी तरह यदि कोई किराया नहीं चुका पाता है तो फिर सरकार उसका किराया चुकाएगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ। इसे जल्द लागू कराया जाए।
सुनवाई
मुख्यमंत्री का वादा लागू करने योग्य वादे के बराबर- हाई कोर्ट
मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि एक मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया आश्वासन एक लागू करने योग्य वादे के बराबर है, जिसको लागू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विचार किया जाना चाहिए। ऐसे में सरकार को इसके लिए जल्द ही नीति तैयार चाहिए।
उन्होंने दिल्ली सरकार को छह सप्ताह में मुख्यमंत्री केजरीवाल के बयान पर फैसला लेने और इसमें मुख्यमंत्री के बयान से राहत मिलने की उम्मीद रखने वालों के हितों का ध्यान रखे।
टिप्पणी
"शासन करने वालों के नागरिकों से किए वादें नहीं टूटने चाहिए"
हाई कोर्ट ने कहा, "जरूरत है कि शासन करने वालों द्वारा नागरिकों से किए गए वादे वैध और उचित कारणों के बिना नहीं टूटें। मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान किराया नहीं लेने के लिए अपील करते हुए किराया भरने का वादा किया था। ऐसे में यह पूरा किया जाना चाहिए।"
कोर्ट ने कहा, "यह आश्वासन किसी चुनावी रैली में किया गया राजनीतिक वादा नहीं है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) के मुख्यमंत्री द्वारा किया गया वादा है।"