सरकार की भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाने की तैयारी, 76,000 करोड़ की योजना को मंजूरी दी
केंद्र सरकार ने भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की दिशा में को बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में देश में सेमीकंडक्टर की कमी को दूर करने के लिए उत्पादन से जुडे प्रोत्साहन (PLI) स्कीम के तहत देश में इसके निर्माण और उससे जुड़े उत्पादन को बढावा देने के लिए 76,000 करोड़ की योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी है।
कैबिनेट के निर्णय से आत्मनिर्भर भारत की सोच होगी और मजबूत- ठाकुर
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तथा प्रोद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की सोच को और मजबूत करेगा। सरकार ने निर्णय किया है कि भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्यूफैक्चर के संपूर्ण इकोसिस्टम को स्थापित करने की महत्वकांक्षी योजना को शुरू किया जाए।" उन्होंने कहा, "इस योजना के तहत 6 साल में 76,000 करोड़ रुपये का खर्च किए जाएंगे, जिससे आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूती मिलेगी।"
देश में स्थापित किया जाएगा पूरा पारिस्थितिकी तंत्र- वैष्णव
बैठक के बाद केंद्रीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "देश में सेमीकंडक्टर चिप्स का डिजाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग, टेस्टिंग और पूरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जाएगा। इसके लिए 76,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है।" उन्होंने कहा, "भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए 2.3 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसे मिशन मोड में चलाने के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की स्थापना भी की जाएगी।"
"देशभर में स्थापित की जाएगी 20 इकाई"
IT मंत्री वैष्णव ने कहा, "सरकार का लक्ष्य अगले छह सालों में डिस्प्ले के लिए एक-दो कंपाउड सेमीकंडक्टर वैफर फैब्रिकेशन (फैब) यूनिट और डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपोनेंट्स के लिए 10-10 यूनिट स्थापित करने का है। इसमें चिप बनाने वाली कंपनियों की जरूरत के हिसाब से वैफर बनाए जाएंगे।" उन्होंने कहा, "योजना के तहत मैन्यूफैक्चरिंग की कुल बिक्री का छह प्रतिशत प्रोत्साहन दिया जाएगा। पांच साल में गिरते क्रम के अनुसार यह प्रोत्साहन छह प्रतिशत से गिरकर चार प्रतिशत हो जाएगा।"
रोजगार के अवसरों में होगा इजाफा- वैष्णव
IT मंत्री वैष्णव ने कहा, "योजना के तहत 15 से 20 MSME खड़े किए जाएंगे। इसके चलते आने वाले सालों में उच्च श्रेणी के करीब 35,000 रोजगार पैदा होंगे और करीब एक लाख से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा।"
"300 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा भारत का इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग कारोबार"
IT मंत्री वैष्णव ने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत की शुरुआत धीमी थी, लेकिन पिछले सात सालों में हमारा कारोबार 75 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया हैं। इस रफ्तार से यह कारोबार अगले छह सालों में 300 बिलियन डॉलर (20 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाएगा।" उन्होंने कहा, "दुनियाभर के सेमीकंडक्टर उद्योग में 20 प्रतिशत इंजीनियर भारतीय हैं। ऐसे में सरकार इस योजना के तहत इस प्रतिशत को और बढ़ाने का प्रयास करेगी।"
क्या होती है सेमीकंडक्टर चिप?
सेमीकंडक्टर चिप स्मार्टफोन, डेटा सेंटर्स, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डेवाइसेज, वाहन, जीवन रक्षक मेडिकल डेवाइसेज, एग्री टेक सहित अन्य इल्क्ट्रॉनिक उत्पदों में इस्तेमाल होने वाला सबसे अहम उपकरण है। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की कमी से सैकड़ों उद्योग जूझ रहे हैं। इससे स्मार्टफोन, निजी कंप्यूटर, गेम कंसोल, ऑटोमोबाइल और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। इसकी वजह से वैश्विक ऑटो उद्योग के उत्पादन में इस साल 63 से 71 लाख वाहनों की कमी आ सकती है।