म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय न करें ये गलतियां, फायदे की बजाय हो जाएगा नुकसान
बेहतर रिटर्न पाने के लिए आजकल कई लोग अपनी छोटी-छोटी सेविंग्स को म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं क्योंकि यह बेहद आसान और सहज निवेश विकल्प है। लेकिन निवेश विकल्प कितना भी सरल क्यों न हो बिना सोचे-समझे किया गया निवेश निवेशक के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है इसलिए आज हम कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो म्युचुअल फंड में निवेश करते समय एक निवेशक को नहीं करनी चाहिए। आइए जानें।
लक्ष्य निर्धारित किए बिना न करें म्यूचुअल फंड में निवेश
अगर किसी व्यक्ति को म्यूचुअल फंड में निवेश करना है तो उसे पहले अपना लक्ष्य जरूर निर्धारित कर लेना चाहिए क्योंकि यह म्यूचुअल फंड में एसेट अलोकेशन के समय काफी काम आता है। बता दें कि एसेट अलोकेशन अपनी निवेश योग्य रकम को विभिन्न एसेट कैटेगरी में लगाने की प्रक्रिया है। निवेशक को किस एसेट में कितना निवेश करना चाहिए, यह उसके लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता पर ही निर्भर करता है।
शेयर बाजार से प्रभावित होकर न करें म्यूचुअल फंड में निवेश
अगर निवेशक का लक्ष्य ज्यादा लंबे समय तक के लिए नहीं है और वह शेयर बाजार की गतिविधियों को मद्देनजर रखते हुए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहते हैं तो यह क्रिया उसके लिए जोखिम भरी हो सकती है। दरअसल, बाजार काफी जोखिम भरा होता है और यह जितनी तेजी से ऊपर चढ़ता है, उतनी ही तेजी से नीचे भी आता है। निवेशक को म्यूचुअल फंड के जरिये अच्छा रिटर्न पाने के लिए अनुशासित और लगातार निवेश जरूर करना चाहिए।
हाई NV देखकर निवेश करने से बचें
कई म्यूचुअल फंड निवेशक यह सोचते है कि फंड की हाई NV (Net Asset Value) हाई रिटर्न की गारंटी है। लेकिन हाई NV हाई रिटर्न की गारंटी नहीं है। दरअसल कई हाई NV वाले म्यूचुअल फंड स्कीमों का रिटर्न हाई नहीं होता। निवेश से पहले फंड का पिछला परफॉरमेंस जरूर देखें और इस बात का भी पता लगाएं कि स्कीम बेंचमार्क इंडेक्स क्या है। अच्छा होगा अगर निवेशक इसके लिए किसी विशेषज्ञ वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
SIP को बीच में रोकेंगे तो हो सकता है घाटे का सौदा
कई बार बाजार के शेयर गिरने की वजह से म्यूचुअल फंड के निवेशक सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) रोक देते हैं। लेकिन याद रखिए कि गिरते बाजार के साथ शेयर भी सस्ते होते हैं और आपको कम पैसे में ज्यादा यूनिट मिलते हैं। इसके अलावा जब बाजार के शेयर दोबारा तेजी पकड़ते हैं तो निवेशकों की यूनिटों की कीमत भी बढ़ जाती हैं इसलिए SIP को बीच में रोकना आपके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है।
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय न करें जल्दबाजी
म्यूचुअल फंड के जरिये शेयर में निवेश से अच्छा रिटर्न की उम्मीद जल्दी न करें क्योंकि हो सकता है किसी साल आपको अच्छा रिटर्न मिले और किसी साल बैंक फिक्स्ड डिपोजिट से भी कम। ऐसे में अपना निवेश न रोकें और म्यूचुअल फंड के जरिये शेयरों में निवेश से अच्छे रिटर्न के लिए पांच-सात साल के लंबे टाइम पीरियड की जरूरत होती है इसलिए अपने इन्वेस्टमेंट को टाइम देना जरूरी है। वैसे भी सब्र का फल मीठा होता है!