दिल्ली वायु प्रदूषण: एयर प्यूरीफायर खरीदते और उपयोग करते समय इन बातों का रखें ध्यान
दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के कारण एयर प्यूरीफायर अब जरूरी हो गए हैं। ये उपकरण घरों में जहरीली हवा से बचाव का काम करते हैं। हालांकि, जल्दबाजी में महंगे एयर प्यूरीफायर खरीदने से स्वास्थ्य की सुरक्षा नहीं होती। सही प्यूरीफायर चुनने से पहले यह समझना जरूरी है कि ये कैसे काम करते हैं। आकार और फिल्टरेशन तकनीक जैसे कई फैक्टर तय करते हैं कि प्यूरीफायर आपकी हवा को सचमुच साफ करेगा या सिर्फ पैसा खर्च होगा।
गलत आकार ना चुनें
कमरे के आकार को नजरअंदाज करना: कमरे के आकार के हिसाब से एयर प्यूरीफायर का चयन करना जरूरी है। छोटी इकाइयां बड़े कमरे के प्रदूषण को ठीक से साफ नहीं कर पातीं, जबकि बड़ी इकाइयां ऊर्जा और पैसे की बर्बादी होती हैं। HEPA जैसे झूठे दावों पर विश्वास करना: 'HEPA-टाइप' या 'HEPA-स्टाइल' फिल्टर वाले प्यूरीफायरों से बचें। सही HEPA फिल्टर 0.3 माइक्रोन के कणों को 99.97 प्रतिशत तक हटाते हैं, जो दिल्ली के प्रदूषण के लिए जरूरी हैं।
रखरखाव की लागत पर दें ध्यान
CADR रेटिंग की अनदेखी: स्वच्छ वायु वितरण दर (CADR) को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, जबकि यह महत्वपूर्ण है। दिल्ली के प्रदूषण में तेजी से हवा साफ करने के लिए उच्च CADR रेटिंग चाहिए। मध्यम आकार के कमरे के लिए 200m³/घंटा से अधिक CADR वाला मॉडल चुनें। रखरखाव की लागत: सिर्फ खरीद मूल्य पर ध्यान देने के बजाय, फिल्टर बदलने, बिजली की खपत और रखरखाव की लागत को भी ध्यान में रखें।
रखने का जगह सही रहना है जरूरी
खराब प्लेसमेंट और सेटअप संबंधी गलतियां: अगर एयर प्यूरीफायर गलत जगह रखा जाए, तो वह सही से काम नहीं करेगा। इसे दीवार से 2 फीट दूर और फर्नीचर से दूर रखें। दिल्ली के घरों में, इसे एयर कंडीशनिंग वेंट के पास रखें, लेकिन सीधे नीचे नहीं। शोर पर ध्यान: एयर प्यूरीफायर को लगातार चलाने की जरूरत होती है। शोर रेटिंग का ध्यान रखें ताकि नींद में परेशानी न हो। कम शोर वाली यूनिट चुनें और नाइट मोड की जांच करें।
वायु गुणवत्ता निगरानी वाला फीचर जरूरी
अपर्याप्त फिल्टरेशन सिस्टम: दिल्ली की हवा में कई प्रकार के प्रदूषक होते हैं, जिनके लिए एकल-फिल्टर सिस्टम पर्याप्त नहीं होते। बेहतर सफाई के लिए प्री-फिल्टर, HEPA फिल्टर और सक्रिय कार्बन फिल्टर वाला प्यूरीफायर चुनें। कुछ मॉडल बैक्टीरिया के लिए भी उपचार करते हैं। वायु गुणवत्ता निगरानी सुविधाओं का अभाव: वायु गुणवत्ता को मापने के लिए प्यूरीफायर में PM2.5 संकेतक और वायु गुणवत्ता निगरानी होनी चाहिए। स्मार्ट कनेक्टिविटी फीचर्स वायु गुणवत्ता ट्रैक करने में मदद कर सकती हैं।
फिल्टर समय-समय पर करें साफ
फिल्टर रखरखाव की उपेक्षा करना: कई यूजर्स पुराने फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं, जिससे हवा की सफाई प्रभावित होती है। दिल्ली के प्रदूषण में फिल्टर को जल्दी बदलना पड़ता है। फिल्टर की लाइफ पर ध्यान रखें और नियमित रूप से शेड्यूल बनाकर प्री-फिल्टर साफ करें। बिना शोध के कीमत आधारित निर्णय: सस्ते या महंगे मॉडल को बिना शोध किए खरीदना गलत है। 8,500 से 65,000 रुपये का बजट बनाकर अपनी जरूरत के हिसाब से सही सुविधाओं को ध्यान में रखें।