दिल्ली में आतिशबाजी पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- कोई भी धर्म प्रदूषण बढ़ाने को नहीं कहता
दिल्ली में दिवाली पर हुई जोरदार आतिशबाजी से सुप्रीम कोर्ट नाराज है। उसने सोमवार को कहा कि कोई भी धर्म ऐसी किसी गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करता, जिससे प्रदूषण पैदा हो। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और एजी मसीह की पीठ ने कहा, "प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है, जिसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा संरक्षित किया गया है। हमारा मानना है कि कोई धर्म प्रदूषण बढ़ाने को प्रोत्साहित नहीं करता।"
कोर्ट ने आगे क्या कहा?
कोर्ट ने आगे कहा, "अगर इस तरह से पटाखे जलाए जाते हैं, तो इससे नागरिकों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार पर भी असर पड़ता है।" कोर्ट ने प्रवर्तन के तरीके पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 14 अक्टूबर को लगाए गए प्रतिबंध आदेश को दिल्ली पुलिस ने "गंभीरता" से नहीं लिया। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस को सभी लाइसेंस धारकों को सूचित करना चाहिए था कि वे पटाखों की बिक्री तुरंत बंद कर दें।
कोर्ट ने क्या दिए निर्देश?
कोर्ट ने कहा, "दिल्ली के पुलिस आयुक्त सभी संबंधित पक्षों को उक्त प्रतिबंध के बारे में तुरंत सूचित करने के लिए कार्रवाई करें ताकि प्रतिबंध के दौरान कोई भी लाइसेंस धारक निर्माता पटाखों का भंडारण या बिक्री न करे। कोर्ट ने आगे कहा, "दिल्ली पुलिस तुरंत ऑनलाइन पटाखे बेचने वालों को भी सूचित करे। पुलिस आयुक्त एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करें और सभी स्थानीय पुलिस स्टेशनों के अधिकारी को पूरे वर्ष प्रतिबंध को लागू करने के लिए जिम्मेदार ठहराएं।"
सुप्रीम कोर्ट ने देर से प्रतिबंध लगाने पर जताई नाराजगी
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आश्चर्य व्यक्त किया कि दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध की अधिसूचना जारी करने में 14 अक्टूबर तक देरी क्यों की। कोर्ट ने कहा कि पूरी तरह संभव है कि उस समय तक प्रतिबंध अवधि के दौरान पटाखों का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं ने पटाखों का स्टॉक जमा कर लिया होगा। कोर्ट ने 25 नवंबर तक राज्य सरकार को उचित निर्णय लेने और दिल्ली पुलिस से हलफनामा दायर कर उठाए गए प्रभावी कदम की जानकारी मांगी है।
दिवाली के अगले दिन प्रभावित हुई थी वायु गुणवत्ता
दिल्ली में दिवाली की रात प्रतिबंध के बावजूद काफी आतिशबाजी हुई थी, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए थे। अगले दिन सुबह गुरुवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 328 था, वह शुक्रवार सुबह 6:30 बजे 359 दर्ज किया गया। यह 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। सबसे अधिक वायु प्रदूषण आनंद विहार और आरकेपुरम में रहा था, जहां का AQI 395 दर्ज किया गया है। पिछले साल दिवाली के बाद दिल्ली का AQI 218 था।