दिल्ली: लगातार दूसरे दिन महंगी हुई CNG, मार्च के बाद से हो चुकी 12.5 रुपये महंगी
देश में ईंधन की कीमतों में इजाफा लगातार जारी है। गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें तो नहीं बढ़ी, लेकिन राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन CNG (कंप्रैस्ड नैचुरल गैस) के दामों में बढ़ोतरी देखी गई। गुरुवार को 2.5 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब दिल्ली में CNG 69.11 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेची जा रही है। बुधवार को भी 2.5 रुपये बढ़ाए गए थे। मार्च के बाद से CNG 12.5 रुपये प्रति किलोग्राम महंगी हो गई है।
मार्च से बढ़ने लगी थीं कीमतें
कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालात का हवाला देते हुए पिछले महीने से ईंधन के दाम बढ़ाने शुरू किए थे और तब से दिल्ली में गैस 12 रुपये से ज्यादा महंगी हो गई है और दूसरे राज्यों में यह बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। गुरुवार को महानगर गैस लिमिटेड ने मुंबई में CNG की कीमत 7 रुपये बढ़ाकर 67 रुपये प्रति किलोग्राम और गुजरात गैस ने 6.50 रुपये बढ़ाकर 76.98 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है।
नैचुरल गैस हुई है महंगी
गैस के दाम ऐसे समय में बढ़े हैं, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में नैचुरल गैस काफी महंगी हो गई है। बता दें कि नैचुरल गैस को कंप्रैस करने के बाद CNG बनती है, जिसका वाहनों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी गैस की पाइप के जरिये (PNG) घरों और उद्योगों में खाना बनाने और दूसरे कामों के लिए आपूर्ति होती है। हालांकि PNG के दाम अभी नहीं बढ़ाए गए हैं।
तेल और सिलेंडर भी हुए महंगे
पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पर महंगाई को बोझ लगातार बढ़ते जा रहा है। 22 मार्च को 137 दिन बाद तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने शुरू किए थे और अब तक तेल 10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। इसी तरह रसोई गैस और कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों को भी बढ़ाया गया है। बीते कुछ दिनों में रसोई गैस 50 रुपये और कमर्शियल सिलेंडर 250 रुपये महंगा हुआ है।
अभी और बढ़ सकती हैं कीमतें
हाल ही में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा था पिछले साल नवंबर से इस साल मार्च के बीच भारतीय तेल कंपनियों को लगभग 19,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। बढ़ती कीमतों को इसका संकेत बताते हुए उसने कहा था कि कीमतें एक साथ न बढ़ाकर धीरे-धीरे बढ़ाई जाएंगी। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, घाटे की पूर्ति के लिए पेट्रोल की कीमत 10.6-22.3 रुपये और डीजल की कीमत 13.1-24.9 रुपये बढ़ाए जाने की जरूरत है।
सरकार ने यूक्रेन युद्ध को ठहराया जिम्मेदार, विपक्ष हमलावर
तेल की बढ़ती कीमतों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के चलते आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई हैं और कच्चे तेल के दाम भी बढ़े हैं। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार रूस से सस्ता तेल खरीदने की तैयारी कर रही है। विपक्ष मामले में सरकार पर हमलावर बना हुआ है और कांग्रेस 31 मार्च से लेकर 7 अप्रैल तक सरकार के खिलाफ 'महंगाई मुक्त भारत अभियान' चला रही है।