एयरएशिया इंडिया का अधिग्रहण करना चाहती है एयर इंडिया, CCI से मांगी मंजूरी
क्या है खबर?
टाटा के मालिकाना हक वाली एयर इंडिया ने किफायती विमानन सेवा एयरएशिया इंडिया के अधिग्रहण में रूचि दिखाई है और इसके लिए प्रतिस्पर्धा आयोग से अनुमति मांगी है।
एयरएशिया इंडिया में टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की 83.76 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बाकी साझेदारी एयरएशिया इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (AIL) के पास है, जो मलेशिया के एयरएशिया समूह का हिस्सा है।
टाटा के इस ताजा फैसले को कंपनी के अपने विमानन व्यवसाय को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है।
आवेदन
प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में नहीं आएगा कोई बदलाव- आवेदन
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के पास दायर नोटिस में टाटा की तरफ से कहा गया है कि प्रस्तावित संयोजन एयर इंडिया लिमिटेड (AIL) द्वारा एयरएशिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड की संपूर्ण इक्विटी शेयर पूंजी के अधिग्रहण से संबंधित है। इससे प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में कोई बदलाव नहीं आएगा और भारत में प्रतिस्पर्धा को बड़ा नुकसान नहीं होगा।
बता दें कि एक निश्चित सीमा से अधिक की रकम के सौदों के लिए CCI की मंजूरी लेना जरूरी होता है।
एयर इंडिया
पिछले साल आई थी विलय की खबर
एयरएशिया इंडिया ने जून, 2014 में भारत में अपना संचालन शुरू किया था और यह हवाई यात्रा परिवहन, एयर कार्गो ट्रांसपोर्टेशन और चार्टर फ्लाइट सेवा मुहैया कराती है। कंपनी की कोई अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालित नहीं होती है।
पिछले साल नवंबर में खबर आई थी कि टाटा एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ एयरएशिया इंडिया का विलय करने जा रही है। इसके पीछे संचालन की लागत में कटौती जैसे कई कारण बताए गए थे।
जानकारी
विस्तारा को भी एयर इंडिया के साथ ला सकती है टाटा
टाटा सिंगापुर एयरलाइंस के साथ संयुक्त उद्यम में विस्तारा एयलाइंस का भी संचालन करती है। ऐसी खबरें आई थीं कि इसे एयर इंडिया के साथ जोड़ा जा सकता है। विस्तारा में टाटा की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत है।
जानकारी
इसी साल टाटा समूह के पास आई एयर इंडिया
इसी साल जनवरी में केंद्र ने एयर इंडिया एयरलाइन की कमान आधिकारिक कमान टाटा समूह को सौंपी थी। इसी के साथ एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हुई थी।
एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा संस की सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई थी। टैलेस ने एयर इंडिया का 15,300 करोड़ का कर्ज भी स्वीकार कर लिया था।
इस तरह एयर इंडिया टाटा के पोर्टफोलियो में शामिल होने वाला तीसरा विमानन ब्रांड बन गया था।
जानकारी
टाटा समूह ने अक्टूबर में लगाई थी एयर इंडिया के लिए बोली
सरकार ने एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय करते हुए जनवरी, 2020 में इसकी नीलामी की दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू की थी।
पिछले साल अप्रैल में सरकार ने इच्छुक कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की थी। बोली में सरकार ने एयर इंडिया का करीब 12,906 करोड़ रुपये न्यूनमत आरक्षित मूल्य रखा था।
इसके बाद 8 अक्टूबर को टाटा समूह ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर एयर इंडिया को खरीद लिया था।
शुरुआत
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। दूसरे विश्व युद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं।
जब फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई, 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया था।
आजादी के बाद 1947 में एयर इंडिया की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। इसके बाद साल 1953 में इस एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।