अब हवाई अड्डों पर कृपाण रख सकेंगे सिख कर्मचारी और यात्री, सरकार ने निकाला संशोधित आदेश
अब देश के सभी हवाई अड्डों पर सिख समुदाय के कर्मचारी और यात्री कृपाण (चाकू) धारण कर सकेंगे। केंद्र सरकार के गत दिनों इस पर रोक लगाने के बाद सिख समाज के विरोध को देखते हुए सोमवार को संशोधित आदेश जारी कर हवाई अड्डो पर इसे धारण करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, सरकार ने कृपाण के आकार को लेकर भी नियम जारी किए हैं। ऐसे में यात्री और कर्मचारी उसी आकार के कृपाण को साथ रख सकते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
दरअसल, सिख धर्म की मान्यताओं में सभी सिखों का केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा धारण करना अनिवार्य है। इनमें कृपाण को सबसे अहम बताया गया है। वीरता और साहस की निशानी समझे जाने वाले कृपाण को सिख अकसर कमर पर लटकाकर या फिर बैग आदि में रखते हैं। सिख धर्मानुसार, एक सिख के अंदर संत और सिपाही दोनों के गुण होने चाहिए। ऐसे में कृपाण रखा जाता है। इसे वीरता दिखाने और आत्मरक्षा के लिए रखा जाता है।
सरकार ने सिख कर्मचारियों के कृपाण रखने पर लगाई थी रोक
हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सिख कर्मचारियों और यात्रियों के हवाई अड्डो पर कृपाण रखने पर रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद अमृतसर के गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक सिख कर्मचारी को कृपाण के साथ ड्यूटी करने से रोक दिया गया था। इसके बाद सिख संगठनों ने मंत्रालय के नए आदेश का विरोध किया था और इसे सिख धर्म का अपमान करार दिया था। यह विरोध लगातार बढ़ता जा रहा था।
SGPC अध्यक्ष ने लिखा था नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र
इस मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर इस नियम को खत्म करने की मांग की थी। उन्होंने लिखा था, 'यह भेदभाव सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर बड़ा हमला है। केंद्र को नहीं भूलना चाहिए कि सिख देश की आजादी में बलिदान देने में सबसे आगे रहे हैं और सिखों के कारण ही आज भी देश की संस्कृति जीवित है।'
अमृतसर विकास मंच ने भी जताया था विरोध
अमृतसर विकास मंच के संरक्षक कुलवंत सिंह अंखी ने भी सरकार के फैसला का विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिक सद्भाव और सिखों की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए इस फैसले को वापस लेना जरूरी है। यह अनुच्छेद 25 के तहत मिले धार्मिक स्तंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। अनुच्छेद के तहत अमृतधारी सिखों को धार्मिक मान्यताओं के रूप में कृपाण ले जाने की अनुमति है। ऐसे में यह आदेश वापस लिया जाना चाहिए।
सरकार ने संशोधित आदेश जारी कर दी कृपाण की अनुमति
सिख समुदाय के विरोध को देखते हुए अब मंत्रालय ने संशोधित आदेश जारी कर सिख कर्मचारी और यात्रियों को कृपाण ले जाने की अनुमति दे दी गई है। आदेश में कहा गया है कोई भी सिख यात्री और कर्मचारी हवाई अड्डों पर कृपाण रख सकता है, लेकिन कृपाण के ब्लेड की लंबाई 15.24 सेंटीमीटर और कृपाण की कुल लंबाई 22.86 सेंटीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह अनुमति केवल घरेलू टर्मिनलों से संचालित होने वाली भारतीय उड़ानों के लिए है।
सिरसा ने प्रधानमंत्री मोदी और मंत्रालय का जताया आभार
सरकार की ओर से सिखों के लिए जारी किए गए संशोधित आदेश के बाद भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया का आभार जताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'सिख यात्रियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान हवाई सफर में कृपाण ले जाने की पाबंदी को हटा लिया गया है। सिख कर्मचारी और यात्री अब कृपाण को भारतीय हवाई अड्डों पर अपने जा ले जा सकते हैं।'