LIC IPO: 4 मई को खुलेगा सब्सक्रिप्शन, जानिए प्राइस बैंड और अन्य जरुरी बातें
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) का ऐलान कर दिया है। LIC के IPO 2 मई को एंकर निवेशकों के लिए और 4 मई से 9 मई तक आम जनता के लिए खुलेगा। इस IPO में LIC का 3.5 प्रतिशत हिस्सा 21,000 करोड़ रुपये में बेचा जाएगा और ये भारत का अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा। पहले LIC के पांच प्रतिशत हिस्से को बेचा जाना था, लेकिन बाद में इसे घटा दिया गया।
कितनी रहेगी IPO की कीमत?
LIC के चेयरमैन एमआर कुमार ने बताया कि LIC के एक IPO की कीमत 902 से 949 रुपये रहेगी। LIC की पॉलिसी ले चुके लोगों को कीमत पर 60 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा, वहीं खुदरा निवेशकों और कर्मचारियों को 45 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा। कर्मचारियों के लिए कुल IPO का पांच प्रतिशत हिस्सा और पॉलिसी-होल्डर्स के लिए 10 प्रतिशत हिस्सा आरक्षित किया गया है। इस पूरे IPO को 'LIC 3.0' नाम दिया गया है।
LIC का IPO भारत के इतिहास में सबसे बड़ा
लगभग छह लाख करोड़ रुपये की कीमत वाली LIC का IPO भारत के इतिहास का सबसे बड़ा IPO होगा। इससे पहले ये रिकॉर्ड पेटीएम के नाम था जिसने 2021 में 18,300 करोड़ रुपये में अपना IPO बाजार में उतारा था। पेटीएम के बाद कोल इंडिया का नंबर आता है जो 2010 में 15,500 करोड़ रुपये में अपना IPO लाया था। रिलायंस पॉवर ने 2008 में 11,700 करोड़ रुपये में अपना IPO लॉन्च किया था।
सरकार ने 2020 के बजट में किया था LIC के विनिवेश का ऐलान
गौरतलब है कि राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए पिछले काफी समय से केंद्र सरकार सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है और इसी कड़ी में 2020 के बजट में LIC के विनिवेश और इसके IPO उतारने का ऐलान किया गया था। इसके बाद पिछले साल के बजट में भी इसका ऐलान किया गया। पहले मार्च, 2022 में इसका IPO आने वाला था, लेकिन यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण इसे टाल दिया गया।
सरकार को LIC के विनिवेश से मिल रहे उम्मीद से कम पैसे
बता दें कि सरकार को LIC के विनिवेश से उम्मीद से कम पैसे मिल रहे हैं। पहले सरकार LIC का पांच प्रतिशत हिस्सा बेचने पर 60,000 करोड़ रुपये इकट्ठा होने की उम्मीद कर रही थी, जिससे उसे 2021-22 में 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने में आसानी होती। हालांकि अब महज 21,000 करोड़ में 3.5 प्रतिशत हिस्से का विनिवेश किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर पांच प्रतिशत हिस्से को 30,000 करोड़ रुपये में बेचा जाएगा।