
पहाड़ों पर ऑटोमेटिक कार को चलाना है खतरनाक, इन तरीकों से आसान होगा सफर
क्या है खबर?
कई लोग बार-बार क्लच दबाने और गियर बदलने की परेशानी से बचने के लिए ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन (AMT) से लैस गाड़ियां पसंद करते हैं। यह एक ही समय में ऑटोमैटिक ड्राइविंग और मैनुअल गियर शिफ्टिंग कंट्रोल करने की सुविधा देता है। AMT ड्राइवर को कार का पूरा नियंत्रण नहीं देता है। इस कारण कई लोग पहाड़ों पर इन्हें चलाने को लेकर संशय में रहते हैं। आप कुछ तरीके अपनाकर पहाड़ों पर ऐसे ट्रांसमिशन वाली कार आसानी से चला सकते हैं।
M मोड
M मोड का करें इस्तेमाल
पहाड़ियों पर गाड़ी चलाते समय AMT तकनीक द्वारा प्रदान किए जाने वाले मैनुअल मोड (M) का उपयोग करें। चढ़ाई पर गाड़ी चलाते समय गाड़ी के बेहतर कंट्रोल के लिए M मोड को एक्टिव करें। यह नीचे की ओर गाड़ी चलाते समय अधिक उपयोगी होती है। ढलान पर ब्रेक पैडल दबाने से ब्रेक पैड गर्म होने से ब्रेक फेल हो सकते हैं। इस दौरान मैनुअल मोड में डाउनशिफ्ट करें और इंजन ब्रेकिंग का उपयोग कर गाड़ी को धीमा कर सकते हैं।
क्रिप फंक्शन
क्रिप फंक्शन का यह होगा उपयोग
कई AMT कारों में हिल होल्ड कंट्रोल (HHC) फीचर नहीं होता है, लेकिन एक क्रिप फंक्शन होता है। यह कार को कम गति से आगे बढ़ने देता है, भले ही एक्सीलेटर दबाया न गया हो। यह फंक्शन धीमी गति से चलने वाली ट्रैफिक स्थितियों में और चढ़ाई में बहुत उपयोगी हो सकता है। यह गाड़ी को पीछे की ओर फिसलने से रोकेगा। पहाड़ी पर कार को पूरी तरह से रोकने और लुढ़कने से बचाने के लिए पार्किंग ब्रेक लगाएं।
गति
पहाड़ों पर कैसी रखें गति?
पहाड़ियों पर गाड़ी चलाने का एक मुख्य नियम धीमी और स्थिर गति बनाए रखना है। यहां संकरी सड़कें, खतरनाक मोड और ब्लांडस्पॉट जैसी कई चुनौतियां होती हैं। इसलिए, सतर्क रहते हुए धीमी और एक समान गति से चलना जरूरी है। अचानक गति बढ़ाने या ब्रेक लगाने पर अचानक से कोई वाहन सामने आना घातक हो सकता है। इससे आप अपने साथ दूसरे वाहन चालकों का जीवन भी खतरे में डाल सकते हैं।