
गर्मी में टायर फटने का बढ़ जाता है खतरा, बचाव के लिए करें ये उपाय
क्या है खबर?
इन दिनों देश के कई इलाकों में तापमान 40 डिग्री के पार जाने से सड़कें आग के गोले की तरह तप रही हैं। ऐसे में कार के टायर फटने की संभावना भी बढ़ गई है।
कार चलाते समय अगर अचानक टायर में ब्लास्ट हो जाए तो बढ़ा हादसा होने के साथ जनहानि होने का भी खतरा रहता है।
आइये जानते हैं गर्मी में गाड़ी के टायर फटने की संभावना को रोकने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कारण
गर्मी में क्यों फटते हैं टायर?
चलते समय गाड़ी के टायर गर्म हो जाते हैं और पहले से ही तपती सड़क के संपर्क में आने के कारण ये और ज्यादा गर्म होकर फट सकते हैं।
गर्मी के कारण टायर में भरी हवा फैलने लगती है, जिससे दबाव बढ़ जाता है। इससे टायर के फटने की संभावना बढ़ जाती है।
इसके अलावा टायर में वायु का दबाव अधिक होने, उनके पुराने होने या गाड़ी में ओवरलोड होने पर भी इनके फंटने की संभावना बढ़ जाती है।
टायर प्रेशर
टायर प्रेशर पर रखें ध्यान
गर्मी में सड़क पर गाड़ी चलाने से टायर पर ज्यादा दबाव पड़ता है। ऐसे टायर्स में समय-समय पर एयर का प्रेशर चेक करते रहें और कंपनी द्वारा निर्धारित स्तर को बनाए रखें।
आमतौर पर ज्यादातर लोग 35 पॉइंट तक हवा भरवाते हैं, जो टायर की लाइफ को बढ़ाने के साथ माइलेज भी बेहतर करता है, लेकिन गर्मी में टायर फटने का खतरा पैदा करता है।
ऐसे में टायर प्रेशर 30-33 पॉइंट के बीच रखने से फटने का खतरा कम होगा।
सावधानी
गर्मी में यह भी रखें सावधानी
भीषण गर्मी में गाड़ी को सीधे धूप में खड़ा करना भी टायर फटने की संभावना को बढ़ा देता है। इससे टायर गर्म हो जाएंगे और ड्राइव करने पर ज्यादा गर्म होकर फट सकते हैं।
अगर, टायर ज्यादा खराब या घिस गए हैं तो इन्हें बदलना ठीक रहता है। इसके अलावा क्षतिग्रस्त सड़क पर गाड़ी को दौड़ाने से बचना चाहिए।
तेज गति से और लंबे समय तक ड्राइविंग से बचें क्योंकि, इससे टायर गर्म होकर फट सकते हैं।
नाइट्रोजन गैस
नाइट्रोजन गैस है उपयोगी
इस मौसम में टायर को ठंडा रखने के लिए सामान्य हवा की जगह नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल करें, जो पेट्रोल पंप पर फ्री मिलती है।
नाइट्रोजन टायर के अंदर का तापमान नियंत्रित रखती है, जिससे टायर की लाइफ बढ़ती है और फटने की संभावना कम होती है।
यह टायर के अंदर नमी नहीं बनने देती, जिससे टायर के वाल्व और रिम खराब नहीं होते। नाइट्रोजन आग पकड़ने वाली नहीं होती, इसलिए यह सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर विकल्प है।