यूरोप में मची सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड गाड़ियों की धूम, पहली बार डीजल कारों से ज्यादा बिक्री
समय के साथ गाड़ियों के प्रति लोगों की जरूरतें और इनको पूरा करने के लिए तकनीक दोनों में तरक्की हो रही हैं, ऐसे में ज्यादातर लोग सामान्य ईंधन वाली गाड़ियों के बजाय हाइब्रिड गाड़ियों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इसका सीधा उदाहरण यूरोप में देखा जा सकता है। 2021 में पहली बार सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड कारें, जो एक आंतरिक दहन इंजन और एक बैटरी दोनों पर काम करती हैं, ने यूरोप में डीजल कारों को पछाड़ दिया है।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
यूरोपीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के आंकड़ों से पता चला है कि अब तक कुल 880,000 वाहन बेचे गए हैं, जिसमें से हर 11 गाड़ियों में से एक बैटरी-इलेक्ट्रिक गाड़ी थी। वहीं, 2 फरवरी को जारी आंकड़ों के मुताबिक डीजल वाली गाड़ियों के मुकाबले सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड वाहनों की बिक्री 48 यूनिट्स ज्यादा हुई। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि लोगों का रुझान अब सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड वाहनों की ओर ज्यादा हो रहा है।
अब तक बिकीं कुल इतनी हाइब्रिड गाड़ियां
यूरोपीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अनुसार साल 2021 में यूरोपियन यूनियन में कुल 19.1 लाख सेल्फ-चार्जिंग हाइब्रिड कारों का रजिस्ट्रेशन किया गया जो 2020 में 1.10 लाख थी। वहीं, डीजल गड़ियों का रजिस्ट्रेशन 2015 में डीजलगेट घोटाले के बाद से कम होता गया है। साल 2020 के 20.77 लाख से गिरकर यह बीते साल 19.01 लाख रह गया है। इसके अलावा 2020 के मुकाबले 2021 में पेट्रोल कारों के रजिस्ट्रेशन में भी कमी आई है।
बैटरी-इलेक्ट्रिक गाड़ियों में हुई 63.1 प्रतिशत की बढ़त
2021 में बैटरी-इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री 63.1 प्रतिशत बढ़कर 8,78,500 यूनिट्स तक पहुंच गई,जबकि प्लग-इन हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री 70.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 8,67,100 हो गई। पेट्रोल के सबसे आम ईंधन होने के बावजूद इसकी कारों की बिक्री में गिरावट देखी गई। पिछले साल पेट्रोल वाली कारों का 40 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन हुआ जो कि 2020 में हुए रजिस्ट्रेशन से 48 प्रतिशत कम है। इस तरह बैटरी-इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों को छोड़कर बाकी सभी सेगमेंट की मांग में कमी आई।
क्या होती है हाइब्रिड कार?
हाइब्रिड कार दो तरह की इंजन से मिलकर बनी होती है जिसमें एक सामान्य ईंधन वाला इंजन होता है और दूसरा बैटरी से चलने वाला इलेक्ट्रिक मोटर होती है। इस तरह इन कारों को एक समय पर पेट्रोल या डीजल से वहीं, दूसरे समय में इलेक्ट्रिक कार की तरह चलाया जा सकता है। भारत में अभी जो हाइब्रिड कारें मौजूद हैं वो लिक्विड फ्यूल के तौर पर पेट्रोल का इस्तेमाल करती हैं।