क्या सेल्फ ड्राइविंग कार से दुर्घटना करने पर चालक को सजा हो सकती है?

कई दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियां ऑटोनॉमस या सेल्फ-ड्राइविंग वाली गाड़ियां बना रही हैं। वहीं, उड़ने वाली कारों को ऑटोमोबाइल दुनिया में अगली बड़ी चीज के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि टेस्ला जैसी कुछ कंपनियों ने अपनी ऑटो पायलट वाली कारें लॉन्च भी कर चुकी है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ऑटो पायलट मोड के दौरान अगर इन गाड़ियों को एक्सीडेंट हो जाए तो कौन दोषी होगा? आइए, इस बारे में जानते हैं।
ऑटोपायलट मोड नेटवर्क पर आधारित होता है जो कैमरे और अल्ट्रासोनिक सेंसर की मदद से कार की हर जानकारी को पूरी तरह समझ सकता है। यह कार के सभी पार्ट्स और उनके फंक्शन के बारे में चालक की जागरूकता को बढ़ाता है। केबिन के अंदर एक आधुनिक कंप्यूटर दिया गया है, जो कैमरों और सेंसर से हर मिलीसेकंड की जानकारी प्राप्त करते रहता है और कार ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने में सहायता प्रदान करता है।
दुनियाभर के लिए यह एक एक बहस का विषय है क्योंकि आप कार या ऑटो पायलट तकनीक को जेल नहीं भेज सकते हैं। बता दें कि ऑटो पायलट शब्द से लोग भ्रम में आ जाते हैं। उन्हें लगता है ऐसी कारों को ड्राइवर की जरूरत नहीं होती है। वे कारें अपने-आप चल सकती हैं। हालांकि, इनमें ड्राइवर्स को सड़कों पर पूरा ध्यान देना होता है। इसलिए अगर ऐसा होता है तो जिम्मेदारी कार चलाने वाले की होगी।
अगर ऑटो ड्राइविंग मोड के दौरान किसी भी तरफ दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कार चालक की होगी और उसी पर उचित कार्रवाई होगी। ऑटो पायलट चालक को स्टेयरिंग व्हील छोड़ कर कार चलाने के लिए नहीं बनाया गया है।
टेस्ला कारों को लेकर पहले भी चिंता जताई जा चुकी है। इससे पहले इसके ऑटोपायलट मोड को लेकर कई आलोचनाएं हो चुकी है। नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, ऑटोपायलट मोड में चल रही कार और हैंड्स-फ्री ड्राइविंग की वजह से टेस्ला कारों से 2016 में कम से कम 12 ट्रैफिक मौतें हुई हैं। इस साल के पहली छमाही में यातायात दुर्घटनाओं में 20,160 लोगों की मौत हुई है। यह 2020 से 18.4 प्रतिशत ज्यादा है।
इसके लिए अमेरिकी सीनेट उपसमिति ने एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसके अनुसार इस सिस्टम वाले वाहनों में स्टैंडर्ड उपकरण के रूप में ड्राइवर द्वारा मॉनिटरिंग होना बहुत जरूरी है। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि ड्राइवरों का पूरा ध्यान सड़कों पर हों यह सुनिश्चित करने के लिए कैमरे और मॉनिटरिंग सिस्टम होने चाहिए। इसके अलावा गाइडलाइंस के मुताबिक ऑटोमोबाइल्स को चेतावनी जारी करनी चाहिए और वाहनों के बीच की दूरी बढ़ाने जैसे सुधारात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
सितंबर 2014 के बाद बनी सभी टेस्ला कारों में कई सेफ्टी फीचर्स दिए जाते हैं। इनमें ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग, ब्लाइंड-स्पॉट मॉनिटरिंग, साइड टक्कर की चेतावनी, आगे की टक्कर से चेतावनी, आपातकालीन लेन चेंजिंग जैसे सेफ्टी फीचर्स शामिल हैं।