
जर्मनी: कोरोना वायरस संक्रमण को समझने के लिए आयोजित हुआ कॉन्सर्ट, 1,500 लोगों ने लिया भाग
क्या है खबर?
जर्मनी में शनिवार को कोरोना वायरस संकट के बीच एक इंडोर कॉन्सर्ट का आयोजन किया गया।
इसमें लगभग 1,500 लोगों ने संगीत का आनंद उठाया।
इसका आयोजन यह समझने के लिए किया गया था कि बड़े आयोजनों में कोरोना वायरस के संक्रमण को सीमित कैसे किया जा सकता है।
यह शोध ऐसे समय पर किया गया है जब यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस संकट के कारण बंद हुए बार और रेस्टोरेंट खुलने शुरू हो गए हैं।
प्रयोग
यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया था कॉन्सर्ट का आयोजन
इस कॉन्सर्ट का आयोजन जर्मन यूनिवर्सिटी ऑफ हाले के शोधकर्ताओं ने किया था।
इसमें भाग लेने वाले हर वॉलेंटियर को एक फेस मास्क, एक कॉन्टेक्ट ट्रेसर और हाथ पर लगाने वाला खूशबूदार जेल दिया गया था। ये सभी वॉलेंटियर पूरी तरह स्वस्थ थे।
एक तरफ जहां कॉन्सर्ट में जर्मनी के गायक टिम बेंड्जको लोगों को मनोरंजन कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ शोधकर्ता यह देख रहे थे कि कोरोना वायरस कैसे इन लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है।
शोध
सुरक्षित तरीके से आयोजन का तरीका जानना प्रयोग का उद्देश्य
यूनिवर्सिटी के डीन प्रोफेसर माइकल जेस्ले ने CNN को बताया कि इस प्रयोग का उद्देश्य यह पता लगाना था कि महामारी के बीच सावधानी बरतते हुए किस प्रकार सफल और सुरक्षित तरीके से बड़े समारोहों का आयोजन किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "हम अब और लॉकडाउन नहीं लागू कर सकते। हमें सही अनुमान लगाने के लिए आंकड़े इकट्ठा करने की जरूरत है।"
अब कॉन्सर्ट से हासिल किए आंकड़ों के आधार पर संक्रमण का अनुमान लगाया जाएगा।
शोध
इन तीन स्थितियों का किया गया विश्लेषण
शोधकर्ताओं ने तीन अलग-अलग स्थितियों से आंकड़े इकट्ठे किए हैं।
पहली स्थिति में कॉन्सर्ट को इस प्रकार आयोजित किया गया कि किसी बीमारी का कोई खतरा नहीं हैं। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग आदि का ध्यान नहीं रखा गया था।
दूसरी स्थिति ऐसी थी जैसे महामारी के बीच कॉन्सर्ट आयोजित हो रहा है। इसमें मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई समेत सभी जरूरी सावधानियां बरती गईं।
तीसरी स्थिति में कम दर्शकों के साथ कॉन्सर्ट का आयोजन किया गया।
नतीजे
साल के अंत तक सामने होंगे शोध के नतीजे
वॉलेंटियर को दिए गए कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग डिवाइस से यह देखा गया कि लोग एक-दूसरे के कितने नजदीक आते हैं।साथ ही इनसे उनके बीच देह की दूरी को भी मापा गया।
वहीं हाथ पर लगाने वाले खूशबूदार जेल से यह पता लगा कि कॉन्सर्ट में आए लोग किस सतह को सबसे ज्यादा छू रहे हैं।
अब इन आंकड़ों का निष्कर्ष निकाला जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, साल के अंत तक इस प्रयोग के नतीजे सामने होंगे।
बयान
राजनेताओं के पास होगा खतरा मापने का टूल- जेस्ले
जेस्ले ने कहा कि इस प्रयोग के जरिये वो राजनेताओं को ऐसा टूल देना चाहते हैं ताकि वो ऐसे किसी बड़े समारोह के आयोजन की अनुमति देने या न देने पर तार्किक तरीके से विचार कर सके। उनके पास ऐसा टूल मौजूद होगा, जिससे पता लग सकेगा कि ऐसे आयोजनों से कितने लोग वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
गौरतलब है कि महामारी के कारण बंद हुए होटल, रेस्टोरेंट और दूसरे सार्वजनिक स्थान धीरे-धीरे खुलते जा रहे हैं।