टेस्ला ला रही कैमरों और AI पर निर्भर प्रणाली, दे सकती है सुरक्षा विवाद को जन्म
टेस्ला इन दिनों फुल सेल्फ ड्राइविंग के लिए पूरी तरह से कैमरों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर निर्भर प्रणाली पर काम कर रही है। इसके लिए इसने लेजर डिटेक्शन जैसे पारंपरिक उपकरण को न चुनने का फैसला लिया है। लेजर डिटेक्टर एक इलेक्ट्रॉनिक सेंसर है जो ट्रैफिक लेजर का उपयोग करके 0.006 सेकेंड में प्रतिक्रिया करता है। इससे टेस्ला सुरक्षा संबंधी मामलों पर फिर सवाल उठ रहे हैं, जो नए विवाद को जन्म दे सकता है।
क्या है नई प्रणाली?
टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने एक ऐसी प्रणाली के निर्माण से अवगत कराया है जिसमें कार के चारों ओर लगभग आठ कैमरों को लगाया जाएगा और जिनका काम ऑटो के 'डीप न्यूट्रल नेटवर्क' में डाटा इकट्ठा करना है। नई प्रणाली कैमरों द्वारा इकट्ठा किये गए रियल-टाइम रीडिंग पर आधारित होगी, जिसे टेस्ला सेंसर ने कई सालों से इकट्ठा किया है। इसके बाद ये कैमरें AI सिस्टम को यह डाटा साझा करेगी, जिसके मदद से ऑटोनोमस ड्राइविंग में सहायता मिलेगी।
क्यों बना सकता यह विवाद का कारण?
लास वेगस में चल रहे कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक शो (CES) में ल्यूमिनार टेक्नॉलजी ने एक टेस्ट किया, जिसके बाद टेस्ला की इस नई प्रणाली पर सवाल उठने लगे। इस टेस्ट के तहत दो वाहनों को एक बच्चे के पुतले की ओर 48 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलते हुए दिखाया गया। AFP की रिपोर्ट के अनुसार लेजर प्रणाली वाली कार बाधा का पता लगाने के बाद रुक जाती है, जबकि टेस्ला की कार बिना रुके अपना नियंत्रण खो देती है।
कई कंपनियों ने की है इसकी निंदा
कई वाहन निर्माता जो एडवांस ऑटोनोमस ड्राइविंग सिस्टम पर काम कर रहे हैं, ल्यूमिनार टेक्नॉलजी से सहमत हैं। उन्होंने टेस्ला कारों की पूरी तरह से AI सिस्टम पर निर्भरता की आलोचना करते हुए कहा कि वे उन तकनीकों पर ध्यान दे रहे हैं जो कैमरों और सिस्टम जैसे लिडार, रेडियो तरंगों पर आधारित रडार को जोड़ती हैं, जबकि ऐसा लगता है कि टेस्ला सड़क पर कम यात्रा कर रही है, जिससे वह सेल्फ-ड्राइविंग तकनीकी मानदंडों को छोड़ चुकी है।
टेस्ला के ऑटोपायलट मोड की भी हो चुकी है निंदा
टेस्ला कारों को लेकर पहले भी चिंता जताई जा चुकी है। इससे पहले इसके ऑटोपायलट मोड को लेकर कई आलोचनाएं हो चुकी है। नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, ऑटोपायलट मोड में चल रही कार और हैंड्स-फ्री ड्राइविंग की वजह से टेस्ला कारों से 2016 में कम से कम 12 ट्रैफिक मौतें हुई हैं। इस साल के पहली छमाही में यातायात दुर्घटनाओं में 20,160 लोगों की मौत हुई है। यह 2020 से 18.4 प्रतिशत ज्यादा है।