यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने जारी की पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की "डरावनी" आवाज
क्या है खबर?
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का "डरावनी" आवाज का एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से निकलने वाली आवाजों को सुना जा सकता है।
इस पांच मिनट के ऑडियो में कई तरह की आवाज शामिल है, जिसमें भयानक क्रेक, कर्कश और गहरी सांस लेने जैसी आवाज है।
यूरोपीयन स्पेस एजेंसी ने इस आवाज को रिकार्ड कर लोगों के लिए भी जारी किया है, ताकि लोग चुंबकीय क्षेत्र की आवाज को सुन सकें।
जानकारी
क्या है चुंबकीय क्षेत्र?
पृथ्वी एक बड़ी चुंबक के सामान है और इसका चुंबकीय क्षेत्र ग्रह के अंदर से बाहर और अंतरिक्ष में फैलता है, जहां यह सौर हवा से मिल जाता है। इसे जियोमैग्नेटिक फील्ड भी कहते हैं।
पृथ्वी के अंदर लोहा और निकल जैसी गर्म धातुएं हैं, जिनके कारण यह चुंबकीय क्षेत्र बनता है।
पृथ्वी के दो चुंबकीय ध्रुव, उत्तरी चुंबकीय ध्रुव और दक्षिणी चुंबकीय ध्रुव, हैं।
किसी भी कंपास की सूई हमेशा उत्तरी चुंबकीय ध्रुव की ओर ही संकेत करती है।
आवाज
चुंबकीय क्षेत्र से निकल रही "डरावनी" आवाज
पृथ्वी के इस चुंबकीय क्षेत्र को देखा तो नहीं जा सकता, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसके संकेतों को सुना और ध्वनि संकेतों में बदलने में सफलता प्राप्त की।
ध्वनि संकेतों में परिवर्तित होने के बाद यह आवाज काफी भयानक महसूस हो रही है।
यह कामयाबी टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के वैज्ञानिकों को मिली है।
पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को अधिक जानने के लिए ESA ने 2013 में ग्रुप सैटेलाइट स्वार्म लॉन्च किया गया था, जिसके डाटा से आवाज रिकॉर्ड की गई।
रिसर्च
रिसर्च के लिए पृथ्वी के हिस्सों से ली गई है ध्वनि
टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क के म्यूजिशियन और प्रोजेक्ट सपोर्टर क्लॉस नीलसन ने इस अभियान के बारे में जानकारी दी है।
इनके मुताबिक, टीम ने ESA के स्वार्म सैटेलाइट मिशन द्वारा लिए गए डाटा के साथ-साथ अलग स्रोतों का भी इस्तेमाल किया है।
इसके अलावा डेनमार्क के कोपेनहेगन में सोल्बजर्ग स्क्वायर में जमीन के अंदर डाले गए 30 से ज्यादा लाउडस्पीकरों के जरिए पृथ्वी के अलग-अलग स्थानों से कई तरह की ध्वनि को भी रिसर्च में शामिल किया गया है।
प्रसार
लोगों को सुनाई गई चुंबकीय क्षेत्र से निकलने वाली ध्वनि
पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की आवाज की रिकॉर्डिंग 24 अक्टूबर, 2022 को की गई है।
इसके बाद से सोल्बजर्ग स्क्वायर पर इसकी रिकॉर्डिंग को 24 से 30 अक्टूबर तक दिन में तीन बार प्रसारित किया गया।
ESA के मुताबिक, इसे प्रसारित करने का उद्देश्य लोगों को डराना नहीं बल्कि उन्हें यह याद दिलाना था कि चुंबकीय क्षेत्र मौजूद है और पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व इस पर ही निर्भर है।
जानकारी
पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र क्यों जरुरी?
पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इस ग्रह पर जीवन के लिए बहुत ही जरुरी है। चुंबकीय क्षेत्र से ही पृथ्वी का वायुमंडल है और ये सूर्य के विकिरण से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करता है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।