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सुप्रीम कोर्ट का अल्टीमेटम, सरकार तटरक्षक बल में महिलाओं को स्थायी कमीशन दे वरना हम देंगे 
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन ने देने पर फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट का अल्टीमेटम, सरकार तटरक्षक बल में महिलाओं को स्थायी कमीशन दे वरना हम देंगे 

लेखन नवीन
Feb 26, 2024
06:36 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय तटरक्षक बल (ICG) में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन न देने को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार को फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, "आप महिला अधिकारियों को या तो स्थायी कमीशन दीजिए, वरना हम आदेश जारी करेंगे।" अब अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी।

CJI

CJI ने केंद्र से कहा- 2024 में आप कार्यक्षमता का तर्क नहीं दे सकते

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र की ओर पेश अटॉर्नी जनरल (AG) आर वेंकरमणी से कहा, "ये सभी कार्यक्षमता आदि तर्क 2024 में कोई मायने नहीं रखते हैं। महिलाओं को इस तरह से वंचित नहीं रखा जा सकता। अगर आप नहीं निर्णय कर सकते हैं तो हम करेंगे। आप स्थायी कमीशन दीजिए, वरना हम आदेश पारित करेंगे।" 20 फरवरी को हुई पिछले सुनवाई में भी CJI ने केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल उठाए थे।

CJI

CJI ने पूछा था- आप इतने पितृसत्तात्मक क्यों हैं?

CJI ने कहा था, "आप इतने पितृसत्तात्मक क्यों हैं कि आप महिलाओं को ICG क्षेत्र में नहीं देखना चाहते? आपके पास नौसेना में महिलाएं हैं तो ICG में ऐसा क्या खास है, जो महिलाएं नहीं हो सकतीं? हम महिलाओं के लिए सभी रास्ते खोलेंगे।" उन्होंने कहा था, "वह समय गया जब हम कहते थे कि महिलाएं ICG में नहीं हो सकतीं थीं। जब महिलाएं सीमाओं की रक्षा कर सकती हैं तो महिलाएं तटों की भी रक्षा कर सकती हैं।"

सरकार

केंद्र सरकार ने कोर्ट में क्या कहा?

केंद्र की ओर से पेश हुए AG वेंकटरमणी ने कोर्ट को बताया कि भारतीय सेना और भारतीय नौसेना से ICG थोड़ा अलग काम करता है। उन्होंने कहा कि ICG कमीशन देने के लिए बोर्ड का गठन किया गया है और इसमें संरचनात्मक बदलाव की जरूरत है, जो अभी प्रक्रिया में है। इसके बाद कोर्ट ने मामले में केंद्र से एक हलफनामा दायर करने को कहा और अब सुनवाई 1 मार्च होगी।

याचिका

कोर्ट में किसने दायर की है याचिका?

कोर्ट में यह याचिका प्रियंका त्यागी ने दायर की है। उन्होंने बताया कि वह ICG के महिला क्रू की सदस्य रही हैं, जिन्हें तटरक्षक बेड़े पर डोमियर विमानों की देखभाल के लिए तैनात किया गया था। उन्होंने अपनी याचिका में ICG में 10 सालों की शॉर्ट सर्विस नियुक्ति को आधार बनाते हुए एनी नागराज और बबिता पूनिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसले का हवाला देते हुए स्थायी कमीशन की मांग की है।

प्लस

न्यूजबाइट्स प्लस

ICG की स्थापना 18 अगस्‍त, 1978 को भारत सरकार द्वारा तटरक्षक अधिनियम, 1978 के अंतर्गत की गई थी। ICG विश्व का चौथा सबसे बड़ा तटरक्षक बल है। इसका मुख्य कार्य मछुआरों और नाविकों की सहायता और सुरक्षा करना है। यह बल खोज और बचाव के अलावा तस्करी की रोकथाम से संबंधित अभियान भी चलाता है। सीधे शब्दों में कहें तो ICG को भारतीय समुद्री क्षेत्र में कानून का पालन कराना होता है।