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ये देश बैन कर रहे हैं पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन, जानें भारत की स्थिति
पेट्रोल-डीजल वाहनों पर बैन (तस्वीरः पिक्सेल रॉ)

ये देश बैन कर रहे हैं पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन, जानें भारत की स्थिति

Sep 03, 2022
09:30 pm

क्या है खबर?

बढ़ते प्रदूषण से लड़ने के लिये दुनियाभर के देश पेट्रोल और डीजल आधारित वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में बढ़ रहे हैं। हाल ही में अमेरिका के पश्चिमी राज्य कैलिफोर्निया ने 2035 तक गैसोलीन वाले नए वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध को मंजूरी दे दी है। भारत सरकार ने अभी इस दिशा में कोई आधिकारिक कदम नहीं उठाया है, लेकिन परिवहन मंत्री पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की देश में बिक्री कम करने की मंशा जता चुके हैं।

जानकारी

गैसोलीन और पेट्रोल में अंतर?

पेट्रोल और गैसोलीन कोई अलग चीजें नहीं हैं। अलग-अलग जगहों पर एक ही ईंधन, जिसे ICE वाहनों में प्रयोग किया जाता है, उसे ही नये-नये नामों से जाना जाता है। "पेट्रोल" शब्द का उपयोग ज्यादातर यूनाइटेड किंगडम और भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों में किया जाता है, जबकि "गैसोलीन" का उपयोग आमतौर पर अमेरिका और कनाडा में किया जाता है। इन्हें पेट्रोलियम से निकाला जाता है, इसलिये इसे कच्चे तेल के रूप में भी जाना जाता है।

नियम

क्या है कैलिफोर्निया का लक्ष्य?

कार्ब की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल कैलिफोर्निया में कुल वाहनों की बिक्री में केवल 12 प्रतिशत नई जीरो-कार्बन उत्सर्जन वाली कारों की बिक्री हुई। हालांकि, इस वर्ष के पहले तीन महीनों में बेची गईं लगभग 16 प्रतिशत कारें इलेक्ट्रिक थीं। नए नियम के अनुसार, राज्य को 2026 तक यह बिक्री 35 फीसदी, 2030 तक 68 फीसदी और 2035 तक 100 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया है।

प्रतिबंध

ये देश भी कर रहे हैं बैन की योजना?

कैलिफोर्निया के इस कदम के बाद अब अमेरिका के ही कई राज्यों में इस तरह के नियम बनाने की खबरें सामने आ रही हैं। इनके अलावा नॉर्वे 2025 से नये गैसोलीन वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने वाला पहला देश है। वहां, 2035 तक इस तरह के सभी वाहनों को चलन से बाहर किया जाएगा। ब्रिटेन भी 2030 से नई पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाएगा। इनका लक्ष्य 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य पर लाना है।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

पेट्रोल के आयात को कम करने और प्रदूषण को रोकने के लिए भारत सरकार इन्हें बैन न कर इनके विकल्पों पर जोर दे रही है। इसके लिये सरकार पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने का मिश्रण करा रही है। इसकी शुरुआत 1-2 प्रतिशत से हुई थी, लेकिन वर्तमान में इसकी मात्रा 10 प्रतिशत तक हो गई है। खबर है कि अप्रैल, 2023 से देश के चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध हो जाएगा।