पैगंबर विवाद: प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों को वापिस उनके देश भेजेगा कुवैत
कुवैत सरकार ने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के खिलाफ देश में किए गए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले प्रवासियों को वापिस उनके देश भेजने का निर्णय किया है। सरकार ने यह फैसला कुवैत में प्रवासियों के धरने या प्रदर्शन पर रोक लगाने वाले देश के कानूनों और नियमों का उल्लंघन किए जाने को लेकर किया है। कार्रवाई के बाद इन प्रवासियों के कुवैत पर प्रवेश पर भी पाबंदी लगाई जाएगी।
कुवैत सरकार ने शुरू की निर्वासन की प्रक्रिया
अरब टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले प्रवासियों को गिरफ्तार करने और उन्हें उनके देशों में वापस भेजने के लिए उन्हें निर्वासन केंद्र में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा इन प्रवासियों के कुवैत में फिर से प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। हालांकि, रिपोर्ट में प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों की राष्ट्रीयता का उल्लेख नहीं किया गया है।
अधिकारियों ने जारी किया सार्वजनिक आदेश
रिपोर्ट के अनुसार, कार्रवाई की प्रक्रिया के साथ अधिकारियों ने एक सार्वनिक आदेश जारी कर देश में रहने वाले सभी प्रवासियों को सभी कानूनों का सम्मान करते हुए भविष्य में किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं लेने के लिए पाबंद किया है।
नुपुर शर्मा की टिप्पणी से खाड़ी देशों में बढ़ रहा है विरोध
बता दें कि 27 मई को नुपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैंगबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी थी। उनके बाद नवीन कुमार जिंदल ने भी सोशल मीडिया पर एक विवादित टिप्पणी कर दी थी। उसके बाद उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में हिंसा भड़क गई और खाड़ी देशों में सोशल मीडिया पर सबसे बड़ा मुद्दा बन गई। विवाद बढ़ने पर भाजपा ने नुपुर को पार्टी से निलंबित और जिंदल को निष्कासित कर दिया।
कई मुस्लिम देशों ने तलब किए भारत के राजदूत
मामले में कतर और कुवैत ने भारतीय राजदूतों को तलब करते हुए नुपुर शर्मा के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। कतर ने तो अपने बयान में मांग कर डाली कि भारत सरकार इस इस्लामोफोबिक बयान के लिए माफी मांगे। इसके बाद ईरान और ओमान ने भी भारतीय राजदूतों को तलब करते हुए बयान की निंदा की और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। हालांकि, भारत ने टिप्पणी को अशिष्ट तत्वों द्वारा की गई टिप्पणी करार दिया था।
भारत ने कुवैत के विरोध पर यह दिया था जवाब
मामले में कुवैत के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के बाद वहां के भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कार्रवाई की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था, 'राजदूत सिबी जॉर्ज ने विदेश कार्यालय में एक बैठक की थी, जिसमें भारत में लोगों के कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स के संबंध में चिंताओं को उठाया गया था। अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। भारत में सभी धर्मों का सम्मान सर्वोपरि है।'
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को भारत में भी कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। उत्तर प्रदेश के कानपुर के बाद प्रयागराज, सहारनपुर सहित कई शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। इसके अलावा दिल्ली, कोलकाता में भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। कई जगहों पर कानून व्यवस्था भंग होने पर पुलिस ने बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ा। इस मामले में अब तक सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।