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अमेरिका में एक दशक बाद सामने आया पोलियो का मामला
अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक व्यक्ति को पोलियो वायरस से संक्रमित पाया गया है

अमेरिका में एक दशक बाद सामने आया पोलियो का मामला

Jul 22, 2022
11:00 am

क्या है खबर?

अमेरिका में लगभग एक दशक बाद पोलियो वायरस का नया मामला सामने आया है। देश के न्यूयॉर्क राज्य की रॉकलैंड काउंटी में एक व्यक्ति को इस वायरस से संक्रमित पाया गया है। अधिकारियों ने अन्य संदिग्ध मामले पकड़ने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है, वहीं इलाके में जिन लोगों ने पोलियो की वैक्सीन नहीं लगवाई है, उनसे वैक्सीन लगवाने को कहा है। इससे पहले अमेरिका में पोलियो का आखिरी मामला 2013 में सामने आया था।

आशंका

ओरल पोलियो वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति से संक्रमण शुरू होने की आशंका

अधिकारियों के अनुसार, न्यूयॉर्क में मिला पोलियो का ताजा मामला ऐसे प्रकार का है जो ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) लेने वाले व्यक्ति से संक्रमण की कड़ी शुरू होने की तरफ इशारा करता है। हालांकि अमेरिका में 2000 में ही OPV बंद की जा चुकी है, इसलिए माना जा रहा है कि मौजूदा प्रसार की कड़ी अमेरिका के बाहर ऐसी जगह से शुरू हुई जहां अभी भी OPV का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अन्य मामला

पिछले महीने लंदन के गटर में भी मिला था पोलियो वायरस

बता दें कि पिछले महीने ब्रिटेन की राजधानी लंदन के गटर में भी पोलियो वायरस मिला था। पिछले दो दशक में ये पहली बार था जब ब्रिटेन में पोलियो वायरस पाया गया। देश से पोलियो करीब दो दशक पहले ही खत्म हो चुका है और 2003 में ब्रिटेन को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया था। इसके बाद कभी यहां पोलियो का मामला सामने नहीं आया। इसी कारण गटर में वायरस मिलने पर हाई अलर्ट घोषित किया गया था।

भारत

कोलकाता में भी नाले में मिला था पोलियो वायरस

पिछले महीने भारत के कोलकाता में भी नाले के पानी में पोलियो वायरस मिला था। भारत को आठ साल पहले 2014 में ही पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है, ऐसे में नाले में पोलियो वायरस मिलने पर स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अधिकारी सक्रिय हो गए थे। कोलकाता में लिया यह वायरस पोलियो का टाइप-1 वायरस था। पोलियो कुल तीन प्रकार (टाइप-1, टाइप-2 और टाइप-3) का होता है।

पोलियो

क्या होता है पोलियो?

पोलियो 'पोलियोमेलाइटिस वायरस' के कारण होता है। यह एक गंभीर, जानलेवा और अक्षम करने वाली बीमारी है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है और रीढ़ की हड्डी को संक्रमित कर लकवे का कारण बनता है। संक्रमित लोगों में केवल फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, 100 मरीजों में एक मरीज में लक्षण गंभीर हो जाते हैं और उन्हें लकवा मार जाता है। कुछ मरीजों की मौत भी हो जाती है।

पोलियो

1988 के बाद 99 प्रतिशत कम हुए पोलियो के मामले

पोलियो एक समय बड़ी महामारी थी, लेकिन 1950 के दशक में वैक्सीन बनने के बाद इसके मामलों में गिरावट आनी शुरू हो गई। 1988 के बाद से पोलियो के मामले 99 प्रतिशत कम हो चुके हैं। अमेरिका में तो 1950 और 60 के दशक से ही पोलियो के मामले घट रहे हैं। अमेरिका में पोलियो के प्राकृतिक प्रसार का आखिरी मामला 1979 में आया था। अभी मात्र पाकिस्तान और अफगानिस्तान ऐसे देश हैं यहां पोलियो पाया जाता है।