
सरकार ने इलेक्ट्रिक कार निर्माण योजना के जारी किए दिशा-निर्देश, जानें खास बातें
क्या है खबर?
भारी उद्योग मंत्रालय ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण को बढ़ावा देने की योजना (SPMPCI) के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इसके तहत कंपनियों को सीमित संख्या में इलेक्ट्रिक कारों काे 15 फीसदी कम शुल्क पर आयात करने की अनुमति होगी।
मंत्रालय ने कहा कि वाहन निर्माता कम आयात कर का लाभ उठा सकते हैं, अगर वे 3 साल के भीतर भारत में EV के निर्माण के लिए 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सीमा
कितनी कारों पर मिलेगा फायदा?
नए निर्देशों के अनुसार, कम शुल्क दर पर आयात की जाने वाली इलेक्ट्रिक कारों की अधिकतम संख्या प्रति वर्ष 8,000 तक सीमित होगी।
मंत्रालय ने कहा कि अप्रयुक्त वार्षिक आयात सीमा को आगे बढ़ाने की अनुमति होगी।
इस योजना में कम आयात शुल्क का लाभ 35,000 डॉलर (29.75 लाख रुपये) या उससे अधिक मूल्य की कंपलीट बिल्ट यूनिट (CBU) इलेक्ट्रिक कारों पर 5 साल के लिए लागू है। इस आयात शुल्क बचत की सीमा 6,484 करोड़ रुपये तक सीमित है।
शर्तें
कंपनियों पर लागू होंगी ये शर्तें
यह नीति स्टार्टअप के बजाय वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए बनाई गई है। पात्रता के लिए उनके पास ऑटोमोटिव संचालन और वित्तीय क्षमता होनी चाहिए।
कम आयात शुल्क का फायदा उठाने लिए भारत में प्लांट लगाने के साथ इसमें धीरे-धीरे घरेलू सामग्री बढ़ाने की भी शर्त रखी है।
उन्हें 3 साल के भीतर 25 फीसदी और 5 साल में 50 फीसदी घरेलू मूल्य संवर्धन जरूरी है। इसके लिए 4,150 करोड़ रुपये के बराबर बैंक गारंटी की आवश्यकता होगी।