
केंद्र ने वक्फ संशोधन विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिक बताया
क्या है खबर?
वक्फ संशोधन विधेयक का बचाव करते हुए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि संसद से पारित वक्फ कानून को धर्म और संपत्ति के आधार पर चुनौती दी गयी है, जिस पर अंतरिम रोक की जरूरत नहीं है।
केंद्र ने कोर्ट में वक्फ अधिनियम को संवैधानिक बताया और कहा कि इससे किसी तरह के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता है।
जवाब
अंतरिम रोक हटाने की मांग
वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि पिछले 100 वर्षों से 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' को केवल पंजीकरण के आधार पर मान्यता दी गई है, न कि मौखिक रूप से।
केंद्र ने पीठ से कहा कि इसलिए, संशोधन निरंतर अभ्यास के अनुरूप किया गया है।
केंद्र ने कहा कि क़ानून मुस्लिम समाज की बेहतरी और पारदर्शिता के लिए है, ऐसे में कस पर अंतरिम रोक लगाना उचित नहीं।
विवाद
कोर्ट ने क्या दिया है अंतरिम आदेश
सुप्रीम कोर्ट जे 17 अप्रैल कोयाचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था, "अगले आदेश तक संशोधित कानून के तहत नई नियुक्ति नहीं होगी। वक्फ बाय यूजर नोटिफिकेशन या वक्फ की घोषित हो चुकी संपत्ति को रद्द नहीं किया जाएगा। सुनवाई के दौरान SG तुषार मेहता ने कहा कि प्रतिवादी 7 दिनों के भीतर एक संक्षिप्त जवाब दाखिल करना चाहते हैं और आश्वासन दिया कि अगली तारीख तक अधिनियम के तहत बोर्ड और परिषदों में कोई नियुक्ति नहीं होगी।"