इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिये अपनाएं एक्सपर्ट्स की ये टिप्स, नहीं होगी परेशानी
क्या है खबर?
मंगलवार को सिकंदराबाद में इलेक्ट्रिक स्कूटरों द्वारा चार्जिंग के दौरान आग पकड़ने से आठ लोगों की मौत की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।
पिछले महीनों में भी देश के कई हिस्सों से इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की खबरें सामने आई थीं।
इन हादसों से डरे इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उपभोक्ताओं के लिये हम क्षेत्र के एक्सपर्ट्स द्वारा बताए गए सुझाव लेकर आए हैं। यह टिप्स वाहन और मालिक दोनों को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।
बैटरी लेवल
बैटरी के चार्जिंग लेवल का इस प्रकार रखें ध्यान
एक्सपर्ट्स के अनुसार, मालिक को इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिये।
इसके लिये एक्सपर्ट्स ने कहा कि अपने वाहन की बैटरी का चार्जिंग स्तर कभी 20 प्रतिशत से नीचे न गिरने दें और सामान्यतः वाहन कभी भी 80 प्रतिशत से अधिक चार्ज न करें। इस तरीके से बैटरी की लाइफ भी बढ़ेगी और इसमें कोई परेशानी भी नहीं आएगी।
इसके अलावा चार्ज हो जाने के बाद इसे चार्जिंग स्रोत से हटा देना भी जरूरी है।
चार्जिंग
इसलिये फुल चार्ज होने पर कर दें डिस्कनेक्ट
बैटरी के फुल चार्ज होने की स्थिति में इसका चार्जिंग प्वाइंट से कनेक्शन हटाना बेहद जरूरी होता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि भले ही EV उपयोग में न हो, लेकिन बैटरी के साथ सोर्स के कनेक्शन जुड़े रहने से इसका स्तर गिरने लगता है।
ऐसी स्थिति में ऑटो-कट के माध्यम से बंद हुआ चार्जर फिर से इसे चार्ज करना शुरू कर देता है। इससे बार-बार चार्ज होने पर बैटरी के सेल्स पर दबाव पड़ता है।
सावधानी
बैटरी ओवर चार्ज करने से जरूर बचें
एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर बैटरी को सही समय पर चार्जिंग से न हटाया जाए तो यह समय के साथ बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है।
इससे बैटरी ओवर चार्ज होगी, जिससे उसकी समय सीमा कम होती जाएगी और फूलने की भी आशंका बहुत हद तक बढ़ जाएगी।
ओवर चार्जिंग से बेटरी के फटने की सबसे ज्यादा आशंकाएं होती हैं। सिकंदराबाद में हुई घटना में भी पुलिस का संशय इसी कारण पर अधिक है।
जार्जर
वाहन के साथ आए चार्जर से ही करें चार्ज
हमेशा ध्यान रखें की वाहन को कंपनी द्वारा उसके साथ दिये गए चार्जर से ही चार्ज करें। इस बात के लिये सभी EV कंपनियां भी अपने ग्राहक से अनुरोध करती हैं।
ऐसा करने का सबसे बड़ा कारण है कि वाहन के साथ दिया गया चार्जर उसमें लगे कंट्रोलर और बैटरी पैक की क्षमता के अनुसार बनाया गया होता है। बाहर से किसी अन्य चार्जर का उपयोग बैटरी को कम या अधिक पावर देकर उसे खराब कर सकता है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
जून में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) मानक जारी कर दिये थे। इनका उद्देश्य ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अब कंपनियों को बैटरी सेल की न्यूनतम क्षमता और गुणवत्ता पर जोर देना होगा।