अब नहीं पंक्चर होगा गाड़ी का टायर, यह कंपनी लाई नई गार्ड तकनीक
क्या है खबर?
गाड़ी चलाते समय टायर पंक्चर होना किसी मुसीबत से कम नहीं है और खासकर अगर यह किसी सुनसान जगह पर हो तो आपके लिए कई तरह की परेशानी का कारण बन सकता है।
इसी समस्या को दूर करने के लिए टायर कंपनी JK टायर ने देश में पहली पंक्चर गार्ड तकनीक के साथ नया टायर लॉन्च किया है।
इसमें खास सेल्फ-हीलिंग इलास्टोमेर इनर कोट तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो पंक्चर को खुद ही ठीक करता है।
प्रक्रिया
किस तरह काम करेगी यह तकनीक?
टायर निर्माता के मुताबिक, इस तकनीक की मदद से टायर कील या अन्य किसी धारदार वस्तुओं के कारण छह मिलीमीटर गहरे पंक्चर को ये खुद ठीक कर सकता है।
इसके अलावा दावा किया गया है कि पंक्चर गार्ड टायर जीवन भर बिना किसी परेशानी के और बिना हवा निकले राइड प्रदान करता है।
आपको बता दें कि इसे देश की सभी प्रकार की ऑन-रोड और ऑफ-रोड कंडीशंस में टेस्ट किया जा चुका है।
बयान
उच्च स्तर की सुरक्षा देता है टायर- चेयरमैन
JK टायर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक रघुपति सिंघानिया ने कहा कि यह तकनीक वाहन मालिकों को उच्च स्तर की सुरक्षा और सुविधा प्रदान करती है।
उन्होंने आगे कहा, "पहले 2020 में स्मार्ट टायर तकनीक की शुरुआत और अब पंक्चर गार्ड टायर तकनीक के साथ हमने अपने ग्राहकों को हाई लेवल सेफ्टी समाधान दिया है, जो ग्राहकों की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। "
नई लॉन्चिंग
हाल में लॉन्च हुए थे स्मार्ट टायर्स
कंपनी ने हाल ही में देश का पहला 'स्मार्ट टायर' भी लॉन्च किया था।
यह तकनीक टायर में हवा के दबाव और टायर के तापमान जैसी महत्वपूर्ण विशेषताओं की निगरानी करती है। इसके अलावा जानकारी शेयर करने के लिए यह टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग भी करती है।
वर्तमान में JK टायर की दुनियाभर में 12 उत्पादन यूनिट्स हैं, जिनमें से नौ भारत में स्थित हैं। ये यूनिट्स हर साल लगभग 350 लाख टायर का उत्पादन करती हैं।
जानकारी
सिएट टायर्स ने भी लॉन्च किया है नया टायर
हाल ही में सिएट टायर्स (CEAT Tyres) ने भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक पीले रंग की पट्टी वाले टायर को लॉन्च किया है।
इसमें जैसे ही रबर घिसता है, पीली पट्टी दिखाई देती है, जो यह सुझाव देती है कि यह टायर को बदलने का समय है।
नया टायर इस मायने में अनूठा है कि इससे टायर बदलने के समय का पता चलता है, जिससे कम टायर ग्रिप से होने वाली दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाएगा।