चैत्र नवरात्रि 2022: जानिए इसका महत्व, तिथि और कैसे मनाएं
क्या है खबर?
शक्ति-स्वरूप मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का आगाज 2 अप्रैल से होने जा रहा है और इसकी समाप्ति 11 अप्रैल है।
इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में लोग देवी मां को अपने-अपने तरीकों से रिझाने की कोशिश करते हैं और उपवास भी रखते हैं।
आइए आज हम आपको चैत्र महीने में आने वाले नवरात्रि की तिथि, इसका महत्व और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बताते हैं।
तिथि
अलग-अलग दिन पर होते हैं नौ देवियों की पूजा-अर्चना
नवरात्रि नौ दिनों तक चलती है, जिसके दौरान नौ अलग-अलग देवियों को पूजा जाता है, जो कि इस प्रकार हैं:
2 अप्रैल (प्रथम नवरात्रा)- शैलपुत्री देवी
3 अप्रैल (द्वितीय नवरात्रा)- ब्रह्मचारिणी देवी
4 अप्रैल (तृतीय नवरात्रा)- चंद्रघंटा देवी
5 अप्रैल (चतुर्थी नवरात्रा)- कुष्माण्डा देवी
6 अप्रैल (पंचम नवरात्रा)- स्कंदमाता
7 अप्रैल (छष्ठी नवरात्रा)- कात्यायनी देवी
8 अप्रैल (सप्तम नवरात्रा)- कालरात्रि देवी
9 अप्रैल (अष्टमी)- महागौरी देवी
10 अप्रैल (नवमी)- सिद्धिदात्री माता
महत्व
चैत्र नवरात्रि का महत्व
ऐसी मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि की साधना व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करने और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति कर सकती है।
इसके अतिरिक्त, ये दिन उस समय को भी चिह्नित करते हैं, जब दुनिया अस्तित्व में आई थी।
चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्त आठ या नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और दुर्गा चालीसा का पाठ करते हैं। इसके साथ ही भजन सुनते हैं और कीर्तन का आयोजन करते हैं।
तरीका
कैसे मनाएं नवरात्रि
आप चाहें तो नवरात्रि के दौरान आठ या नौ दिनों तक उपवास रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर सकते हैं या फिर अपने घर पर किर्तन का आयोजन रख सकते हैं।
अगर आप पहली बार नवरात्रि के उपवास रख रहे हैं तो यह जरूरी है कि आप इसकी कलश स्थापना से शुरुआत करें और दशमी तक अखंड दीपक जलाएं और दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
वहीं, उपवास के दौरान अनाज की बजाय सात्विक आहार खाएं।
न्यूजबाइट्स प्लस (बोनस इंफो)
नवरात्रि के दौरान भूल से भी न करें ये गलतियां
काले और नीले रंग के कपड़े न पहनें क्योंकि ये इन रंगों के कारण नकारात्मकता ऊर्जा जल्दी आकर्षित होती है। बेहतर होगा कि आप नवरात्रि के दौरान लाल, पीले या फिर हरे रंग के कपड़ों को पहनें।
इसके अतिरिक्त, कैंची-ब्लेड और चमड़े की चीजों का प्रयोग न करें क्योंकि ये चीजें अशुभ मानी जाती हैं।
नवरात्रि के दौरान मांसाहारी खान-पान और लहसुन-प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इन्हें तामसिक माना जाता है।