2023 से ATS द्वारा गाड़ियों का फटिनेस टेस्ट करना हो सकता है अनिवार्य
वाहनों के फिटनेस टेस्ट से जुड़े नियमों में होने वाली दिक्कतों में ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इससे जुड़े नियमों और शर्तों में बदलाव किए हैं। हाल में जारी एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में सरकार ने वाहन फिटनेस टेस्ट और ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों (ATS) के लिए कुछ बदलावों का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत अप्रैल, 2023 से ATS के माध्यम से वाहनों के फिटनेस टेस्ट को अनिवार्य बनाने की बात कही गई है।
क्या होंगे नए नियम?
ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में दिए गए प्रस्तावों के तहत ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए पात्रता के नियम, उपकरण से सर्वर तक टेस्टिंग के परिणामों का ऑटोमैटिक प्रसारण और वाहनों का जीवन खत्म होने पर उन्हे 'एंड-ऑफ-लाइफ- व्हीकल' घोषित करने के नियमों के बारे में कहा गया है। इसके आलवा किसी भी राज्य में रजिस्टर्ड वाहनों को दूसरे राज्य में टेस्टिंग की मंजूरी देने की बात भी कही गई है।
कब से लागू होंगे नियम?
ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में 1 अप्रैल, 2023 से भारी मालवाहक वाहनों और भारी यात्री वाहनों का फिटनेस टेस्ट ATS से करने को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। वहीं मध्यम मालवाहक वाहनों, यात्री वाहनों और हल्के मालवाहक वाहनों के लिए ATS से फिटनेस टेस्ट की अनिवार्यता 1 जून, 2024 से लागू करने की बात कही गई है। बता दें कि इससे पहले नए नियम को 23 सितंबर, 2021 को साझा किया गया था।
क्या है गाड़ियों के फिटनेस टेस्ट की समय अवधि?
एक ATS में गाड़ी की ऑटोमैटिक तरीके से फिटनेस टेस्ट करने के लिए यांत्रिक उपकरणों का उपयोग किया जाता है। कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस टेस्ट आठ साल तक के वाहनों के लिए हर दूसरे साल में किया जाता है। वहीं, आठ साल से पुराने वाहनों के लिए यह टेस्ट हर साल करने की जरूरत है। निजी वाहन (गैर-परिवहन) के लिए फिटनेस टेस्ट रजिस्ट्रेशन के रिन्यूवल के समय किया जाता है, जो कि 15 साल बाद होता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की टेस्टिंग के लिए भी है नियम
ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों की टेस्टिंग के लिए कुछ भी नए नियम लाए गए हैं। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की जांच के लिए कई नए उपकरणों को शामिल किया गया है। साथ ही टेस्ट रिजल्ट का नया प्रारूप जारी किया गया है।