सेमीकंडक्टर की कमी के कारण अगले साल बिकेंगी 5 लाख कम कारें: ICRA
क्या है खबर?
सेमीकंडक्टर की कमी के कारण 2022 में भी गाड़ियों की बिक्री में गिरावट आने की संभावना है।
इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ऑफ इंडिया (ICRA) ने बताया कि पैसेंजर सेगमेंट में हर साल की तुलना में अगले साल लगभग पांच लाख कम गाड़ियां बिकेंगी।
अगर ऐसा होता है तो अनुमान लगाया जा रहा है कि ऑटो सेक्टर को करीब 1,800 से 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
आइये, जानते हैं इस बारे में क्या कुछ पता चला है।
कारण
क्या है बिक्री में गिरावट का कारण?
सितंबर से भारतीय बाजार में सेमीकंडक्टर की भारी कमी आई है और इस वजह से ऑटो सेक्टर पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
वाहनों की मांग बढ़ती जा रही है और कंपनियां उन्हें समय से पूरा नहीं कर पा रही हैं, जिससे इनका वेटिंग पीरियड बढ़ते जा रहा है।
ग्राहकों को गाड़ियों की डिलीवरी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं, कुछ गाड़ियां ऐसी भी हैं जिनके लिए एक साल से भी अधिक का वेटिंग पीरियड चल रहा है।
मारुति सुजुकी
मारुति सुजुकी की बिक्री पर पड़ा है असर
कुछ दिनों पहले मारुति सुजुकी ने जानकारी दी थी कि सेमीकंडक्टर की कमी के कारण कंपनी की 2.5 लाख गाड़ियों की डिलीवरी रुकी हुई है और इस वजह से कंपनी के कई मॉडलों का वेटिंग पीरियड भी बढ़ रहा है।
बता दें कि वर्तमान में कंपनी की पेट्रोल कारों पर 9 से 12 हफ्तों की वेटिंग चल रहा है। वहीं, CNG कार के मॉडलों के आधार पर यह वेटिंग पीरियड बढ़कर 18 हफ्तों तक पहुंच गया है।
जानकारी
SIAM और FADA ने भी जताई चिंता
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने हाल ही में बताया था कि इस नवंबर में वाहनों की बिक्री पिछले एक दशक में सबसे खराब थी।
पिछले महीने 3,24,542 पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री हुई जो पिछले साल इसी महीने बेची गई 4,39,564 यूनिट से 26 प्रतिशत कम था।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने मौजूदा चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर्स की कमी और लागत में भारी बढ़ोतरी उद्योग के लिए बुरे सपने से कम नहीं।
जानकारी
7 लाख ग्राहकों को है अपनी कार का इंतजार
रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के बाद गाड़ियों की मांग में उछाल आया है, लेकिन सेमीकंडक्टर की कमी के कारण कंपनियां इन्हे पूरा नहीं कर पा रही हैं। भारत में लगभग 7 लाख से अधिक ग्राहक अपनी कार के घर आने का इंतजार कर रहे हैं।
जबतक विश्वभर में आई सेमीकंडक्टर की कमी दूर नहीं हो जाती यह समस्या बनी रहेगी। टाटा, फोर्ड और जनरल मोटर्स जैसी दिग्गज कंपनियां सेमीकंडक्टर के निर्माण करने की योजना बना रही हैं।
बढ़ते दाम
वाहनों के बढ़ते दाम से कम हो रहीं है इनकी बिक्री
कई कंपनियां जनवरी 2022 से अपने वाहनों की कीमतों को बढ़ाने की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं और माना जा रहा है कि इस वजह से बिक्री में गिरावट आ सकती है।
होंडा 2022 में अपनी चुनिंदा कारों की कीमतों को बढ़ा रही है।
कमोडिटी की कीमतों में लगातार बृद्धि को देखते हुए टाटा मोटर्स, महिंद्रा और टोयोटा जैसी कंपनियां भी जनवरी 2022 में अपने वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
वाहनों के लिए क्यों जरूरी है सेमीकंडक्टर?
वर्तमान समय में ज्यादातर कारों में कई इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स लगे होते हैं।
कार में लगे म्यूजिक सिस्टम से लेकर कैमरा, बैटरी मनेजमेंट, मोटर कॉन्ट्रोल तक हर जगह इन सेमीकंडक्टर्स का इस्तेमाल होता है, इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण हैं।
भारतीय बाजार सेमीकंडक्टर की कमी से अमेरिका, यूरोप या जापान जैसे देशों जितना प्रभावित नहीं हुआ है, क्योंकि भारतीय कार निर्माता मुख्य रूप से एंट्री लेवल के वाहन ही बनाते हैं, जिनमें अधिक इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स नहीं होते।