भारत में बनेंगे सेमीकंडक्टर, टाटा ग्रुप तीन राज्यों में लगाएगा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट
क्या है खबर?
भारतीय बाजार में सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग और विश्वभर में सप्लाई में आ रही दिक्क्तों के बीच टाटा ग्रुप एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है।
सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए टाटा ग्रुप 2,250 करोड़ रुपये निवेश कर सकता है।
आउटर्सोस्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (OSAT) प्लांट लगाने के लिए ग्रुप तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना से बात कर रहा है। इन राज्यों में प्लांट के लिए जमीन लेने की बात चल रही है।
संकेत
पहले दिए थे समीकंडक्टर बिजनेस में उतरने के संकेत
टाटा ग्रुप ने कुछ महीनों पहले कहा था कि वह सेमीकंडक्टर बिजनेस में उतर सकता है।
टाटा ग्रुप सॉफ्टवेयर के मामले में कफी मजबूत है और अब हार्डवेयर में भी खुद को मजबूत करना चाहता है।
चिप मैन्युफैक्चरिंग का काम अगले साल के अंत तक शुरू होगा और इससे 4,000 लोगों को रोजगार मिल सकता है।
टाटा ग्रुप के सेमीकंडक्टर बिजनेस में उतरने से भारतीय बाजार में उपलब्ध सभी ऑटो कंपनियों को फायदा मिलेगा।
बयान
टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने क्या कहा?
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारत में फिलहाल कोई भी कंपनी सेमीकंडक्टर नहीं बनाती है और ग्लोबल सप्लाई चैन पूरी तरह चीन पर निर्भर है। ऐसे में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का दूसरा बड़ा हब बनने के लिए भारत के पास अच्छा अवसर है।
बता दें कि सुजुकी मोटर कंपनी सेमीकंडक्टर की कमी के चलते इस महीने अहमदाबाद प्लांट में प्रोडक्शन हटाने का फैसला करना पड़ा था।
सेमीकंडक्टर
क्या होते हैं सेमीकंडक्टर?
सेमीकंडक्टर असल में कंडक्टर और इंसुलेटर के बीच की स्थिति है। इनकी विद्युत चालकता चालकों से कम, लेकिन अचालकों से ज्यादा होती है और इनका उपयोग बिजली को नियंत्रित करने में किया जाता है।
ये सिलिकॉन से बने चिप होते हैं, जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक की वस्तुओं में होता है। सेमीकंडक्टर के बिना हम इलेक्ट्रॉनिक की वस्तुओं की कल्पना भी नहीं कर सकते।
इन्हीं सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल वाहनों में भी होता है।
वजह
क्यों कम पड़ रहे सेमीकंडक्टर?
पूरा विश्व कोविड-19 महामारी से लड़ रहा है। इस वजह से लंबे समय तक दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति रही और लगभग सभी छोटे-बड़े कारोबार बंद थे।
सेमीकंडक्टर निर्माण करने वाली कंपनियां भी इस महामारी से प्रभावित हुई और उनके उत्पादन में असर पड़ा, जिस वजह से आज दुनिया में सेमीकंडक्टर की कमी आई है।
सिर्फ कोविड-19 ही नहीं, अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार की वजह से भी सेमीकंडक्टर की कमी हुई है।
जानकारी
फोर्ड और जनरल मोटर्स भी बना रही हैं सेमीकंडक्टर
अमेरिका के दो सबसे बड़े कार निर्माता फोर्ड और जनरल मोटर्स ने ऑटो उद्योग में चिप की कमी से निपटने में मदद करने के लिए सेमीकंडक्टर बनाने के व्यवसाय में प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फोर्ड ने अमेरिका में सेमीकंडक्टर्स के निर्माण में तेजी लाने में मदद करने के लिए ग्लोबल फाउंड्रीज के साथ रणनीतिक साझेदारी भी कर ली है।
ये दोनों कंपनियां पहले ही भारत में अपनी प्रोडक्शन को बंद कर चुकी हैं।