#NewsBytesExplainer: जापान 116 साल पुराने रेप के कानून में बदलाव क्यों कर रहा है?
क्या है खबर?
जापान की संसद में रेप और यौन उत्पीड़न से संबंधित कानून में बदलाव करने के लिए एक ऐतिहासिक विधेयक पर बहस हो रही है।
विधेयक जापानी संसद के निचले सदन से 30 मई को पारित हो चुका है और अब इसे कानून बनने के लिए उच्च सदन से मंजूरी प्राप्त करनी है।
यदि कानून में संशोधन होता है तो 116 साल पुराने इस कानून में दूसरा बड़ा संशोधन होगा। आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
कानून
क्या कहता है मौजूदा कानून?
रेप पर जापान के मौजूदा कानून के मुताबिक, किसी आरोपी शख्स पर रेप का आरोप साबित करने के लिए यह साबित करना भी जरूरी है कि पीड़िता ने खुद को उससे बचाने की कोशिश की थी।
इसका मतलब यह है कि पीड़िता को कोर्ट के सामने साबित करना पड़ता है कि वह खुद का बचाव करने में सक्षम नहीं थी।
ऐसा नहीं होने पर इसे आरोपी और पीड़िता के बीच सहमति से बना संबंध माना जाता है।
विधेयक
कानून में क्या बदलाव किए जा रहे हैं?
जापान की संसद में लाए गए संशोधन विधेयक के जरिए कानून में कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव रेप को दोबारा परिभाषित करना है।
इसकी परिभाषा को जबरन यौन संबंध से बदलकर बिना सहमति के यौन संबंध करने का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा कानून में संशोधन होने के बाद सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम आयु भी 13 वर्ष से बढ़कर 16 वर्ष हो जाएगी।
कारण
क्यों किया जा रहा बदलाव?
जापान में सामाजिक कार्यकर्ता काफी समय से रेप कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि रेप कानून के लचर प्रावधानों के कारण महिला पीड़ितों को न्याय मिलना असंभव है।
दरअसल, सहमति के बिना संबंध का आरोप साबित होने के बावजूद कई आरोपियों को सजा नहीं हो पाती है क्योंकि पीड़िता के लिए ये साबित करना मुश्किल होता है कि उसने रेप का विरोध किया था।
इसके कारण अधिकतर महिलाएं रेप की शिकायत नहीं करती हैं।
मामला
बदलाव के लिए 2019 में हुआ था राष्ट्रव्यापी आंदोलन
जापान में लाया गया ताजा विधेयक 2019 में रेप के कई आरोपियों के बरी होने के बाद यौन अपराधों से संबंधित कानूनों में व्यापक बदलाव का हिस्सा है।
जापान के लोगों ने इसके लिए देशभर में आंदोलन किया था और रेप कानून में संशोधन की मांग की थी। लोगों ने कहा था कि कानून में 2017 में किया गया बदलाव प्रभावी साबित नहीं हुआ है और अधिकतर आरोपी बचकर निकलने में कामयाब रहते हैं।
संशोधन
2017 में क्या बदलाव किया गया था?
जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे की सरकार ने 2017 में 1907 से चले आ रहे 110 वर्ष पुराने रेप कानून को बदलने की मंजूरी दी थी।
इस बदलाव में शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करना रेप के तहत लाया गया था।
इसके अलावा कानून में पीड़ित के रूप में पुरुषों को भी शामिल किया गया था और न्यूनतम सजा की अवधि को 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया था।
जानकारी
जापान की महिलाओं को संशोधन से बड़ी उम्मीद
जापान की लड़कियां और महिलाएं रेप कानून में बदलाव को लेकर एक बड़े परिवर्तन की उम्मीद कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि 100 वर्ष से अधिक पुराने इस कानून में बदलाव से रेप और यौन अपराधों के मामलों में कमी देखने को मिलेगी।
उम्र
न्यूजबाइट्स प्लस
अभी जापान में सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम आयु मात्र 13 वर्ष है, जो दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम है।
इस प्रावधान के कारण एक मामले में पीड़िता को बालिग मान लिया गया था।
सहमति की न्यूनतम आयु में संभावित बदलाव के बावजूद उन लोगों के लिए एक अपवाद अभी भी मौजूद रहेगा, जो कम से कम 13 वर्ष के हैं और जिनकी उम्र में पांच वर्ष से कम का अंतर है।