मध्य प्रदेश: पुलिस ने दलित रेप पीड़िता को थाने में बैठाकर की पिटाई, तीन पुलिसकर्मी निलंबित
मध्य प्रदेश के छतरपुर में पुलिस की हैवानियत का बड़ा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, वहां अपहरण और रेप की शिकायत करने पहुंची एक 13 वर्षीय दलित किशोर को पुलिसकर्मियों ने पूरी रात थाने में बैठाकर रखा और उसके साथ जमकर मारपीट की। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस अधिकारी सकते में आ गए और आनन-फानन में मामले के दोषी तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। मामले की आगे की जांच जारी है।
क्या है पूरा मामला?
NDTV के मुताबित, पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी 27 अगस्त को खेलने के लिए घर से बाहर गईं थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। अगले दिन लड़की के पिता ने थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई। 30 अगस्त को जब किशोरी वापस घर लौटी तो उसने बताया कि बाबू खान नाम का युवक उसे जबरदस्ती अपने घर ले गया था। वहां उसे कमरे में बंद करके रखा गया और उसके साथ रेप भी किया।
पीड़िता की मां ने सुनाई आपबीती
किशोरी की मां ने आरोप लगाया, "शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने गए तो दो पुलिसकर्मियों ने मेरी बेटी पर अपना बयान बदलने का दबाव डाला। मना करने पर मेरी बेटी को लात और बेल्ट से इतना पीटा कि वो बेहोश हो गई। उसे रात भर थाने में बिठाकर रखा और मुझे बाहर कर दिया।" मां ने कहा, "31 अगस्त को भी हम वापस थाने गए और इंस्पेक्टर से मामला दर्ज करने को कहा तो उन्होंने बाहर निकाल दिया।"
CWC की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
पुलिस के खराब व्यवहार के कारण मामला बाल कल्याण समिति (CWC) तक पहुंचा। संयुक्त जिला कलेक्टर प्रताप सिंह चौहान के मुताबिक CWC द्वारा उन्हें शिकायत मिली थी, जिसके बाद मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई।
आरोपी के खिलाफ दर्ज किया रेप का मामला- SP
पुलिस अधीक्षक (SP) सचिन शर्मा ने कहा, "रेप आरोपी बाबू खान के खिलाफ 3 सितंबर को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) अधिनियम और POCSO अधिनियम की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।।" उन्होंने आगे कहा, "थाने में किशोरी के साथ मारपीट करने के मामले में थानाप्रभारी अनूप यादव, उपनिरीक्षक मोहिनी शर्मा और सहायक उप निरीक्षक गुरुदत्त शेषा को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।"
मामले में CWC ने क्या कहा?
बाल कल्याण समिति (CWC) सदस्य अफसर जहान ने कहा कि पुलिस अपराधी को बचाने और पीड़िता पर बयान बदलने की कोशिश कर रही है। वहीं समिति के एक अन्य सदस्य सौरभ भटनागर ने कहा, "जब हम लड़की के घर का दौरा करने पहुंचे तो इंस्पेक्टर यादव भी आरोपी के साथ वहां मौजूद था, लेकिन कानून के मुताबिक, रेप के आरोपी को पीड़िता की उपस्थिति में ऐसे नहीं लाया जा सकता है।"
CWC ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट
पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में किशोरी की उम्र 13 साल की जगह 17 साल लिखी गई है और अपहरण का जिक्र भी नहीं किया गया है। इसके लिए CWC ने पुलिस से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।