
कौन हैं स्टीफन मिरान, जिन्हें माना जा रहा ट्रंप की टैरिफ नीति के पीछे का चेहरा?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति से वैश्विक आर्थिक जगत में उथल-पुथल मचा दी है।
पहले ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी, हालांकि बाद में इसे 90 दिनों के लिए रोक दिया।
इस नीति का मकसद अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है।
ट्रंप की इस नीतिगत सोच के पीछे जो अर्थशास्त्री हैं उनका नाम स्टीफन मिरान है, जो प्रमुख रणनीतिकार माने जाते हैं।
परिचय
कौन हैं स्टीफन मिरान?
स्टीफन मिरान अमेरिका के एक प्रमुख अर्थशास्त्री हैं।
उन्होंने बोस्टन विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र, गणित और दर्शन में पढ़ाई की और बाद में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की। वे अमेरिकी सरकार में ट्रेजरी विभाग के सलाहकार रह चुके हैं और हडसन बे कैपिटल मैनेजमेंट में वरिष्ठ रणनीतिकार भी रहे हैं।
दिसंबर, 2024 में उन्हें ट्रंप ने अपनी आर्थिक सलाहकार परिषद (CEA) का प्रमुख बनाया। वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति और अमेरिकी प्रतिस्पर्धा के पक्षधर हैं।
विचार
टैरिफ नीति पर मिरान के विचार
मिरान का मानना है कि टैरिफ को गलत समझा गया है और अधिकतर अर्थशास्त्री इसे लेकर भ्रम में हैं।
उन्होंने कहा है कि टैरिफ केवल टैक्स वसूली का जरिया नहीं, बल्कि व्यापार में अनियमितताओं जैसे सब्सिडी, डंपिंग और मुद्रा हेरफेर को रोकने का उपाय है।
उनके मुताबिक टैरिफ का असर व्यापार घाटे और डॉलर की ताकत से जुड़ा है, और यह अमेरिका को दीर्घकालिक फायदा पहुंचा सकता है, बशर्ते इसे सही ढंग से लागू किया जाए।
अपेक्षाएं
अन्य देशों से मिरान की अपेक्षाएं
मिरान का कहना है कि अमेरिका अकेले वैश्विक आर्थिक जिम्मेदारियों का बोझ नहीं उठा सकता।
उन्होंने सुझाव दिया कि अन्य देश अमेरिका के टैरिफ फैसलों को बिना जवाबी कार्रवाई के स्वीकार करें, ज्यादा अमेरिकी सामान खरीदें और अपनी रक्षा पर खर्च बढ़ाएं।
इसके अलावा, उन्होंने प्रत्यक्ष वित्तीय योगदान की बात भी कही जिससे अमेरिका की आर्थिक और सुरक्षा लागतों की भरपाई हो सके। उनका मानना है कि इससे वैश्विक व्यापार व्यवस्था में निष्पक्षता आएगी।