चीन: अदालत का ऐतिहासिक फैसला- घर के कामों के लिए पत्नी को मुआवजा देगा पति
चीन की एक अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक व्यक्ति को उसकी पत्नी द्वारा किए गए घर के कामों के बदले मुआवजा देने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद घर के कामों की कीमत को लेकर बहस शुरू हुई हो गई है। कुछ लोग इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं तो कुछ का कहना है कि अदालत ने जितना मुआवजा देने का आदेश दिया है, वह बेहद कम है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
महिला ने क्या दलील दी?
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, चेन उपनाम वाले एक शख्स ने 2015 में शादी के बाद पिछले साल अपनी पत्नी वेंग से तलाक की अर्जी दी थी। वेंग शुरुआत में तलाक नहीं लेना चाहती थी, लेकिन बाद में उन्होंने मुआवजा मिलने की शर्त पर तलाक लेना मंजूर कर लिया। वेंग की दलील थी कि उनके पति चेन ने न तो कभी घर के कामों में हाथ बंटाया और न ही बच्चों की देखभाल में मदद की।
पति को कितना मुआवजा देना होगा?
मामले की सुनवाई के बाद बीजिंग के फेंगशान की जिला अदालत ने वेंग के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि चेन हर महीने वेंग को उनके द्वारा किए गए काम के बदले 2,000 युआन (लगभग 22,380 रुपये) देंगे। इसके अलावा वह 50,000 (लगभग 5.60 लाख रुपये) की एकमुश्त रकम भी देंगे। जज ने कहा कि एक जोड़े की संयुक्त संपत्ति का विभाजन आमतौर पर मूर्त संपत्ति को विभाजित करता है, लेकिन घर का काम अमूर्त संपत्ति होती है।
चीन में इसी साल लागू हुआ है नया कानून
यह फैसला इसी साल लागू हुए चीन के नए सिविल कोड लागू होने के बाद आया है। इन कानून के तहत पति या पत्नी तलाक के समय मुआवजा पाने का हकदार है, अगर उसने बच्चों के पालन-पोषण, बुजुर्गों की देखरेख और काम में अपने पति या पत्नी से ज्यादा जिम्मेदारी उठाई है। कानून लागू होने से पूर्व केवल शादी से पहले हुए समझौते के तहत ही मुआवजे की मांग की जा सकती थी।
फैसले के बाद शुरू हुई बहस
अदालत के इस फैसले के बाद चीनी सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। ट्विटर के तरह के वीबो प्लेटफॉर्म पर अब तक इस फैसले सें संबंधित हैशटैग्स को 57 करोड़ बार से ज्यादा देखा जा चुका है। कुछ लोगों का कहना है कि मुआवजे की राशि बहुत कम है। वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि शादी के बाद पुरुषों को घर के कामों की ज्यादा जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
रोजाना लगभग चार घंटे घर के काम करती हैं महिलाएं
ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकॉनोमिक कॉर्पोरेशन एंड डेवलेपमेंट (OECD) के अनुसार, चीन में महिलाएं रोजाना लगभग चार घंटे तक घर के काम करती हैं, जिनके बदले उन्हें कोई भुगतान नहीं किया जाता। यह पुरुषों द्वारा किए जाने वाले कामों से 2.5 गुना है। यह OECD देशों की औसत से भी ज्यादा है। इन देशों में महिलाएं औसतन पुरुषों की तुलना में बिना भुगतान के दो गुना काम करती हैं। OECD में स्विट्जरलैंड, अमेरिका, इंग्लैंड, तुर्की समेत 35 से ज्यादा देश हैं।