#NewsBytesExplainer: अमेरिका का OPT कार्यक्रम क्या है, इसके बंद होने का भारतीयों पर कितना असर होगा?
क्या है खबर?
डोनाल्ड ट्रंप ने जबसे अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता है, तब से अप्रवासियों को लेकर उनकी नीतियां सख्त होती जा रही हैं।
पहले H-1B वीजा को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है, अब ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) कार्यक्रम भी ट्रंप समर्थकों के निशाने पर है। इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अस्थायी तौर पर काम करने की अनुमति मिलती है।
आइए OPT कार्यक्रम के बारे में जानते हैं।
OPT कार्यक्रम
क्या है OPT कार्यक्रम?
OPT कार्यक्रम अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अस्थायी आधार पर काम हासिल करने की अनुमति देता है।
इस कार्यक्रम से छात्रों को H-1B वीजा मिलने में आसानी होती है, जिसके तहत कुशल विदेशी नागरिकों 6 साल तक अमेरिका में काम कर सकते हैं।
OPT अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच एक लोकप्रिय कार्यक्रम है, जिसका फायदा भारी संख्या में भारतीय छात्रों को भी मिलता है। भारतीय छात्र इसका फायदा उठाने वाला सबसे बड़ा समूह है।
फायदे
OPT कार्यक्रम से छात्रों को क्या फायदे होते हैं?
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के अनुसार, OPT कार्यक्रम के तहत, ऐसे अंतरराष्ट्रीय छात्र जो F-1 वीजा पर अमेरिका में हैं, वे उनकी पढ़ाई से सीधे संबंधित क्षेत्र में 12 महीने तक काम कर सकते हैं।
ऐसे छात्र जो अमेरिकी विश्वविद्यालयों में कम से कम एक शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रवेश लिए गए हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। छात्र अपनी पढ़ाई पूरी होने से पहले या बाद में इसका फायदा उठा सकते हैं।
प्रकार
कितनी तरह का होता है OPT?
OPT 2 तरह का होता है- प्री-कम्प्लीशन और पोस्ट-कम्प्लीशन।
प्री-कम्प्लीशन में छात्र पढ़ाई के दौरान ही इसके लिए आवेदन कर सकता है। अगर छात्र को यह मिलता है तो वह हफ्ते में 20 घंटे काम कर सकता है।
वहीं, पढ़ाई पूरी होने के बाद छात्र पोस्ट कम्प्लीशन OPT के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें छात्र को हफ्ते में कम से कम 20 घंटे या पूर्णकालिक काम करना होता है।
ये एक साल के लिए होता है।
असर
OPT कार्यक्रम बंद होने से भारतीयों पर क्या होगा असर?
2023-24 के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में 8.83 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 2.42 लाख (27.47 प्रतिशत) OPT कार्यक्रम में से थे।
पिछले कुछ सालों में भारी संख्या में भारतीय छात्रों ने OPT को चुना है। 2023-24 में अमेरिका में 3.31 लाख भारतीय छात्रों में से 97,556 छात्र (29.42 प्रतिशत) OPT कार्यक्रम में थे। 2022-23 में यह आंकड़ा 69,062 और 2021-22 में 68,188 पर था।
यानी अगर कार्यक्रम बंद हुआ तो बड़ी संख्या में भारतीयों छात्रों पर इसका असर होगा।
विरोध
कार्यक्रम का क्यों हो रहा है विरोध?
अमेरिकियों का कहना है कि ये कार्यक्रम उनसे नौकरियां छीन रहा है। सोशल मीडिया पर US टेक वर्कर्स ने एक पोस्ट में लिखा कि OPT H-1B वीजा से भी ज्यादा खराब है, जो अमेरिकी युवाओं के लिए नौकरियां खत्म कर रहा है।
2023 में वाशिंगटन एलायंस ऑफ टेक्नोलॉजी वर्कर्स ने तकनीकी क्षेत्रों में OPT की वैधता को चुनौती देने वाले एक मामले में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बयान
क्या कह रहे हैं जानकार?
BBC से बात करते हुए वीजा काउंसलर गमनदीप सिंह ने कहा, "अमेरिका में ग्रेजुएशन 3 की बजाय 4 साल की होती है। अगर OPT प्रोग्राम नहीं होगा तो छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद अपने देश लौटना पड़ेगा। अगर OPT के तहत मिलने वाले वर्क वीजा को लेकर नियम कड़े किए जाएंगे तो हजारों की संख्या में बच्चों को वापस लौटना पड़ेगा और इसमें सबसे ज्यादा मार उन बच्चों पर पड़ेगी, जो सामान्य कोर्स कर रहे हैं।"